बच्चों में बुखार होना आम बात है, लेकिन जब बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ता है, तो पेरेंट्स हो जाते हैं. हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर, ने अपने सोशल मीडिया के जरिए ये सवाल किया था कि क्या बच्चों का बुखार खुद ही ठीक होने देना सही है? सोनम की तरह कई ऐसे पेरेंट्स हैं जो इस सवाल का जवाब पाना चाहते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बुखार अपने आप में नुकसानदायक नहीं है, बल्कि यह शरीर का इंफेक्शन से लड़ने का तरीका है. अगर किसी को बुखार हो रहा है तो इसका मतलब यह है कि उसका शरीर इंफेक्शन से लड़ रहा है. लेकिन कई बार बहुत ज्यादा फीवर होने की वजह से बच्चों में इसके नुकसान भी देखने को मिलते हैं.
बच्चों में बुखार होने के लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक जब किसी छोटे बच्चे को बुखार होता है, तो उसमें कई लक्षण देखे जा सकते हैं. जैसे-
चिड़चिड़ापन- बच्चे का स्वभाव सामान्य से अधिक चिड़चिड़ा हो सकता है.
बेचैनी और असहजता- बच्चा आराम महसूस नहीं करता और बार-बार रोता है.
शरीर गर्म होना- छूने पर बच्चे का शरीर गर्म महसूस होता है.
चेहरा लाल होना- बुखार में अक्सर बच्चे का चेहरा लाल हो सकता है.
पसीना आना- बुखार बढ़ने पर बच्चा अधिक पसीना भी महसूस कर सकता है.
कमजोरी और सुस्ती- बच्चे में सामान्य से अधिक कमजोरी और थकावट देखी जा सकती है.
बच्चों को कब डॉक्टर के पास ले जाएं
अगर बुखार बच्चे को असहज (Uncomfortable) कर रहा है, तो उसका इलाज कराना सही होता है. हालांकि, बुखार का इलाज करने से संक्रमण जल्दी ठीक नहीं होता, लेकिन इससे बच्चे को राहत मिलती है. छह महीने से पांच साल के बच्चों में बुखार के कारण फेब्राइल सीजर (Febrile Seizure) नामक दौरे आ सकते हैं. अगर बच्चे को दौरे आते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि उसे मिर्गी है. आमतौर पर बच्चे इन बुखार से जुड़े दौरों से बाहर आ जाते हैं.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (American Academy of Pediatrics) के एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि बच्चा तीन महीने से कम उम्र का है और उसका तापमान 101.4°F (39°C) या उससे अधिक है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. साथ ही, स्कूल जाने वाले बच्चे को तब तक घर में ही रखना चाहिए जब तक कि उसका तापमान 24 घंटे तक सामान्य न हो.
क्या होता है फेब्राइल सीजर?
फेब्राइल सीजर एक प्रकार का दौरा (झटका) है जो छोटे बच्चों में तेज बुखार के कारण हो सकता है. जब बच्चे का शरीर का तापमान अचानक बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो उनके दिमाग में असामान्य गतिविधियां (Unusual Activities) हो सकती हैं, जिससे उन्हें ये दौरे आ सकते हैं. ये आमतौर पर 6 महीने से 5 साल के बच्चों में होते हैं.
फेब्राइल सीजर होने पर बच्चे का शरीर अकड़ सकता है, हाथ-पैर झटके से हिलने लगते हैं, और वे थोड़े समय के लिए बेहोश हो सकते हैं. हालांकि, यह दौरा कुछ मिनटों तक ही रहता है और बच्चे जल्द ही सामान्य हो जाते हैं. ये आमतौर पर गंभीर नहीं होता है, और बच्चे इससे बड़े होने के साथ अक्सर बाहर निकल आते हैं. लेकिन, पहली बार ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है, ताकि सही इलाज और देखभाल की जा सके.
बच्चों में बुखार कम करने के आसान तरीके
बच्चे को एसीटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी बुखार कम करने वाली दवा दें, लेकिन ध्यान रखें कि एस्पिरिन न दें क्योंकि यह बच्चों में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.
बच्चे को हल्के कपड़े पहनाएं ताकि शरीर की गर्मी बाहर निकल सके.
बच्चे को खूब सारे तरल पदार्थ दें, जैसे पानी और जूस
बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं ताकि उसके शरीर का तापमान कम हो सके.
बच्चे को उनकी पसंद का खाना खाने दें, लेकिन अगर उनका मन नहीं है तो उन्हें खाने के लिए मजबूर भी न करें.
यदि बच्चे को उल्टी या दस्त हो रहे हैं, तो डॉक्टर से पूछें कि क्या बच्चों के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) देना चाहिए.