क्या हो अगर कैंसर का टेस्ट आपकी एनुअल हेल्थ चेपअप का हिस्सा बन जाए, और ट्यूमर बनने से पहले ही इसका पता लगाया जा सके? अगर ऐसा हुआ तो देश में कैंसर से जान गवाने वाले हजारों लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकेगी. कैंसर के कारण होने वाली मृत्युदर को कम किया जा सकता है, अगर समय रहते लोगों में इस समस्या का सही निदान और इलाज हो जाए. मुंबई स्थित एपिजेनरेस बायोटेक की मदद से Molecular Diagnostic Company ऐसा मुमकिन करने जा रही है.
14 हजार है टेस्ट की कीमत
वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक खोज निकाली है जिसमें साधारण से ब्लड टेस्ट के जरिए उभरते हुए कैंसर का पता लगाया जा सकेगा. ये ब्लड टेस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षणों को डिटेक्ट कर पाएगी. यह टेस्ट HrC कहलाता है. इस टेस्ट हर साल कराया जा सकता है क्योंकि इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है. इस ब्लड टेस्ट के लिए आपको 10 से 14 हजार रुपये चुकाने पड़ेगे. ये टेस्ट अलग-अलग तरह के कैंसर की पहचान कर सकता है. कैंसर का जितनी जल्दी पता चलेगी मरीज के ठीक होने की संभावना उतनी बढ़ जाती है.
कौन करा सकता है ये टेस्ट
इस टेस्ट को स्टेम सेल्स के जरिए किया जाता है. स्टेम सेल्स ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं, इसलिए कैंसर का समय से पहले पता लगाया जाता है. इन स्टेम सेल्स तक सीधे अंगों से नहीं पहुंचा जा सकता था इसलिए वैज्ञानिकों ने Peripheral blood के जरिए इसमें पहुंच बनाी. स्टेम सेल्स को पूरी तरह से विकसित ट्यूमर होने में 12 से 18 महीने का समय होता है. यही वो समय है जब कैंसर का पता लगाने के लिए ये टेस्ट किया जा सकता है. ये टेस्ट हर कोई करा सकता है लेकिन कुछ लोग जिनकी फैमिली में कैंसर की हिस्ट्री रही हो, वे जो जरूरत से ज्यादा अल्कोहल लेते हों और वो लोग जो स्मोक करते हैं उन्हें ये टेस्ट हर साल कराना चाहिए.
शराब और तंबाकू है कैंसर की बड़ी वजह
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुसार, 2022 में देश में कैंसर रोगियों की संख्या 14.6 लाख थी जोकि 2025 तक 15.7 लाख होने का अनुमान है. भारत में कैंसर से होने वाली मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वर्तमान में दुनिया के 20 फीसदी कैंसर मरीज भारत से हैं. कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू और शराब पीना है.