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उदास हैं तो जाएं किसी नहर या नदी के पास... मेंटल हेल्थ को बेहतर करने में करता है मदद, रिसर्च में आया सामने   

हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें कहा गया है कि नदी या नहर किनारे बैठने से आपकी उदासी कम हो सकती है. इसमें बताया गया है कि ब्लू और ग्रीन स्पेस मेंटल हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है. जिससे आप अच्छा महसूस करते हैं. ये रिसर्च किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने की है.

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हाइलाइट्स
  • ब्लू और ग्रीन स्पेस मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा होता है 

  • रिसर्च में 299 लोगों को किया गया शामिल

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लगभग हर कोई किसी न किसी तरह के मानसिक अवसाद से गुजर रहा है. कुछ लोग इस इग्नोर कर देते हैं तो कुछ लोग गंभीरता से लेते हैं. ऐसे में परेशान होने पर हम अक्सर एक ऐसी जगह खोजना चाहते हैं जहां जाकर हमें थोड़ी शांति मिल सके. लेकिन क्या जानते हैं कि किसी नदी या नहर किनारे बैठने से आप अच्छा फील कर सकते हैं. इससे जुड़ी एक रिसर्च भी सामने आ गई है. 

उदास हैं तो जाएं किसी नहर या नदी के पास

हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जब आप उदास महसूस कर रहे हों तो किसी नहर या नदी पर जाने से आप बेहतर महसूस कर सकते हैं. प्लॉस वन जर्नल में 31 अगस्त को ये रिसर्च प्रकाशित हुई है. अध्ययन में आगे कहा गया है कि नहरें और नदियां 24 घंटे तक आपकी सेहत को बेहतर बना सकती हैं.

किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, किसी स्थान पर नीला और हरा रंग (Blue and Green Space) एक साथ होना, इसके अलावा जानवरों का भी उसी वातावरण में होने के कारण आपकी सेहत पर अच्छा असर पड़ सकता है. 

ब्लू और ग्रीन स्पेस मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा होता है 

किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर एंड्रिया मेचेली कहते हैं, "नहरों और नदियों में न केवल पानी होता है, बल्कि पेड़ों और पौधों की भी बहुतायत होती है. जिसका मतलब है कि मेंटल हेल्थ में सुधार करने की उनकी क्षमता ब्लू और ग्रीन स्पेस से जुड़े कई फायदों के कारण होने की संभावना है.”

रिसर्च में 299 लोगों को किया गया शामिल

बताते चलें इस मानसिक बीमारी वाले 87 सहित 299 प्रतिभागियों शामिल किया गया. इन सभी लोगों ने 7,975 अस्सिसमेन्ट पूरे किए. तब जाकर ये रिसर्च पूरी हुई है. रिसर्च में सामने आया कि जो लोग जलाशयों के पास ज्यादा समय बिताते हैं, वे दूसरे स्थानों की तुलना में जल्दी रिकवर हो जाते हैं. जैसे कि घर के अंदर, शहर के बाहर, या जहां पानी नहीं होता ऐसे क्षेत्रों के करीब. 

अध्ययन में ये भी कहा गया है कि मेंटल हेल्थ इश्यू के प्रबंधन के लिए हो रहे कार्यक्रमों में नदियों और नहरों के दौरे को शामिल किया जाना चाहिए. इससे वे लोग जल्दी कवर कर सकते हैं.