दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक बन कर तैयार हो गया है. इस बैंक के जरिए गंभीर रूप से जले हुए या किसी हादसे का शिकार हुए मरीज को नई स्किन मिल सकेगी. देश भर में यूं तो 16 स्किन बैंक है लेकिन उत्तर भारत में ये सबसे बड़ा स्किन बैंक होगा. जिसमें गंभीर रूप से जल चुके मरीजों को भी नई स्किन मिल सकेगी.
इस मौके पर सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक बीएल शेरवाल ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल बर्न डिपार्टमेंट के लिए जाना जाता है, क्योंकि यहां एशिया का सबसे बड़ा बर्न डिपार्टमेंट बना हुआ है ऐसे में ये समझा जा सकता है कि रोजाना कितनी बड़ी तादाद में लोगों को नई स्किन की जरूरत पड़ती है. लेकिन जागरूकता का अभाव होने की वजह से न तो लोगों को स्किन डोनेशन के बारे में पता है और न ही वो ये जानते है की इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है. लेकिन अब स्किन बैंक बन जाने से ये दिल्ली एनसीआर के साथ उत्तर भारत के तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाएगा.
स्किन डोनेशन है ऑर्गन डोनेशन से एकदम अलग
सफदरजंग अस्पताल के बर्न डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर शलभ कुमार ने बताया कि स्किन डोनेशन और बाकी ऑर्गन डोनेशन में फर्क है क्योंकि स्किन डोनेशन की प्रक्रिया बेहद सरल होती है इसमें किसी खास तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं होती है और न की बॉडी सैंपल मैच करने पड़ते है ये किसी भी उम्र के लोगों में फिट किया जा सकता है.
ऐसे ले सकते हैं जानकारी
हेड डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि कई सालों से ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं अब लोग नोटो की वेबसाइट पर जाकर स्किन डोनेशन के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं. स्किन बैंक बनने से कोई भी परिवार अपने मृत परिजन की स्किन दान कर सकेंगे साथ ही अस्पताल खुद भी जानकारी मिलने पर अपनी टीम को भेज कर स्किन ला सकता है. 1800114770 हेल्प लाइन नंबर भी उपलब्ध करवाया गया है, इस नंबर के जरिए कॉर्डिनेट किया जा सकेगा. कोई भी कभी भी इस नंबर पर कॉल कर सकता है. अगर अस्पताल में कोई डोनेट करना चाहे या कोई घर से भी चाहे तो इस नंबर पर कॉल कर सकता है.
बस एक बात का ध्यान रखना होगा जरूरी
सफदरजंग के चिकित्सा अधीक्षक बीएल शहगल बताते हैं कि स्किन ग्राफ्टिंग और स्किन डोनेशन के जरिए मरीजों को ठीक होने में गति मिलेगी साथ ही उन्हें नई स्किन मिल जाएगी. कोई भी परिवार अपने मृत परिजन की स्किन को डोनेट कर सकता है. इसमें सिर्फ एक चीज का ध्यान दिया जाएगा कि उन्हें कोई स्किन की बीमारी और स्किन कैंसर न हो. एक बार जो स्किन सुरक्षित रख ली जाएगी उसको कई सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा.
पीएम ने मन की बात में किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मन की बात में भी ऑर्गन डोनेशन का जिक्र किया था. एक मृत शरीर के डोनेशन से लगभग 8 लोगों की जान बच सकती है इसी तरह से अगर स्किन भी डोनेट की जाए तो कई लोगों को नई स्किन मिल जाएगी क्योंकि अब तक नई स्किन मिलना काफी मुश्किल होता था. खास बात ये है की एक शरीर से कई लोगों को स्किन दी जा सकती है.