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रातभर AC में सोने से बीमार हुई महिला... ज्यादा एसी में रहने से हो सकती हैं ये समस्याएं, जानिए AC रूम में बिताएं कितना समय

अगर आप हर समय एसी चलाकर रखते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. लगातार एसी में रहने से आपकी तबियत पर गलत असर पड़ता है.

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तुर्की के अंताल्या में रात भर एसी चालू रखकर सोने से एक अंग्रेज महिला बीमार पड़ गई. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 24 वर्षीय लियाना फोस्टर पूरी रात अपना एसी चालू करके सोई थी, और जब वह अगली सुबह उठी तो वह ठीक नहीं थीं और उसे टॉन्सिल्स हो गए थे. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रात भर एयर कंडीशनर (एसी) ऑन रखकर सोने से आपके शरीर पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एसी से नमी कम होने के कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं और डिहाइड्रेशन हो जाता है. एसी से निकलने वाली ठंडी हवा स्किन से नमी कम करती है, जिससे सूखापन हो सकता है. कम ह्यूमिडिटी और प्रसारित हवा के कारण सांस से संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ गया है.

पर्यावरण के लिए हानिकारक है AC
एयर कंडीशनर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं. यूज किए जाने वाले रेफ्रिजरेंट, विशेष रूप से हाइड्रोफ्लोरोकार्बन, अपनी हाई ग्लोबल वार्मिंग क्षमता के लिए पॉपुलर हैं क्योंकि वे ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले  प्रदूषक छोड़ते हैं. वे बहुत ज्यादा एनर्जी का भी यूज करते हैं, जिससे क्लाइमे पर बोझ बढ़ता है. हाइड्रोफ्लोरोकार्बन शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैसें हैं, और पर्यावरणीय क्षति में योगदान करती हैं.

AC अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है. फाइब्रोमायल्जिया और गठिया के मरीजों में, यह मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है. इसके अतिरिक्त, अगर एसी यूनिट्स को नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता है, तो ये धूल, पॉल्यूटेंट्स और फंगस आदि फैलाकर लोगों के लिए एलर्जी का कारण भी बनता है. 

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AC से किसी सामान्य इंसान के लिए संक्रमण और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है. एसी में सोने के बाद जागने पर व्यक्ति को अकड़न, सिरदर्द, मतली और थकान का अनुभव हो सकता है. लंबे समय तक एयर कंडीशनिंग के संपर्क में रहने से जुड़ी ये आम समस्याएं हैं. यह कभी-कभी हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, खासकर बुजुर्ग लोगों या छोटे बच्चों में. 

AC रूम में बिताएं कितना समय
वातानुकूलित कमरे में बिताए गए समय को लिमिट में रखने की सलाह दी जाती है. तापमान आरामदायक स्तर पर बनाए रखा जाना चाहिए, बहुत ज्यादा नहीं. हमें पर्यावरणीय प्रभाव पर भी विचार करना चाहिए, क्योंकि एसी के बढ़ते उपयोग से बिजली की खपत बढ़ती है, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, पृथ्वी गर्म होती है और क्लाइमेट चेंज बढ़ता है.

इन प्रभावों को कम करने के लिए, एसी से नियमित ब्रेक लेने और प्राकृतिक हवा और तापमान में जाने की सलाह दी जाती है. एसी कमरे में 2 से 3 घंटे बिताना पर्याप्त है. रात में आप एसी को 2 से 3 घंटे के बाद अपने आप बंद होने के लिए सेट कर सकते हैं. तापमान को कंफर्टेबल रेंज में रखना, जैसे 22 से 26 डिग्री सेल्सियस, और आर्द्रता का स्तर 40 से 60% के बीच रखना ठीक है. एसी में HEPA फिल्टर का उपयोग करने से धूल और एलर्जी को कम करने में भी मदद मिल सकती है.