बच्चों का खर्राटे लेना सामान्य बात नहीं होती है. खर्राटे लेना या सांस लेते हुए कुछ आवाज आने का मतलब कोई बीमारी भी हो सकती है. साइंस में इस बीमारी को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) कहा जाता है. अगर आपके बच्चे में आपको ये नजर आ रहा है तो हो सकता है उन्हें जांच की जरूरत हो. हालांकि, सिंपल नेजल स्प्रे से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक, एक साधारण नेजल स्प्रे से भी बच्चों में खर्राटे और सांस लेने में कठिनाई को काफी कम किया जा सकता है.
276 बच्चों को किया गया रिसर्च में शामिल
रिसर्च में कहा गया है कि लगभग 40 प्रतिशत मामलों में बच्चे के नाक में जब स्प्रे ने लक्षणों को साफ कर दिया था और जब जांच की गई तो पाया कि उनके टॉन्सिल या एडेनोइड्स को हटाने की आवश्यकता आधे से कम हो गई है. इस रिसर्च में 276 बच्चे शामिल थे, जिनकी उम्र 3 से 12 साल थी, और इसे द रॉयल चिल्ड्रन हॉस्पिटल और मोनाश चिल्ड्रन हॉस्पिटल में किया गया था.
मर्डोक चिल्ड्रन की डॉ एलिस बेकर ने कहा कि आमतौर पर बच्चों में टॉन्सिल और एडेनोइड को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है. इसमें उन्हें एक साल से अधिक समय तक का इंतजार करना पड़ता है. यही कारण है कि आज हमें सांस लेने के लिए वैकल्पिक उपचार की तलाश करने की आवश्यकता है.
क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया?
दरअसल, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सांस लेने के मार्ग संकरे होने से नींद के दौरान सांस लेना मुश्किल हो जाता है. बढ़े हुए टॉन्सिल और एडेनोइड इस बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण हैं, और उन्हें हटाने के लिए एक ऑपरेशन किया जाता है. बताते चलें कि ज्यादा वजन वाले बच्चों को ओएसए का अधिक खतरा होता है. बच्चों के लिए कभी-कभी नींद के दौरान सांस लेने के साथ शोर करना सामान्य बात यूं तो बच्चों का खर्राटे लेना आम है लेकिन तब तक जब तक वे सर्दी से अस्वस्थ हैं.