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Soap to treat skin cancer: कौन हैं 14 साल के हेमन बेकेले, जिन्होंने स्किन कैंसर की ट्रीटमेंट के लिए बना डाला साबुन?

स्किन कैंसर को ठीक करने वाला सस्ता साबुन बनाने वाले हेमन बेकेले को अमेरिका के टॉप युवा वैज्ञानिक के सम्मान से नवाजा गया है. वर्जीनिया के रहने वाले 14 साल के Heman Bekele खुद को मेडिसिन, प्रोग्रामिंग और इनके प्रभावों को लेकर जुनूनी बताते हैं.

Heman Bekele Heman Bekele
हाइलाइट्स
  • स्किन कैंसर की बड़ी वजह है सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें.

  • स्किन कैंसर, त्वचा की कोशिकाओं में शुरू होने वाली जानलेवा बीमारी है.

स्किन कैंसर ठीक करने वाला साबुन बनाकर 14 वर्षीय बच्चा इन दिनों खूब चर्चा में है. इस बच्चे का नाम Heman Bekele है, और उसे अमेरिका के टॉप यंगेस्ट सांइटिस्ट के सम्मान से नवाजा गया है. इसके साथ ही उसे पुरस्कार के रूप में 25,000 डॉलर भी दिए गए हैं. 2023 3M Young Scientists Challenge में Bekele ने नौ अन्य फाइनलिस्टों को हराकर ये उपलब्धि हासिल की. इनाम में मिले पैसों का इस्तेमाल वह कॉलेज की फीस भरने और साबुन का पेटेंट लेने के लिए करेंगे.

हेमन बेकेले ने पुरस्कार के लिए अपने आवेदन में कहा, ''मेरा मानना ​​है कि युवा दिमाग दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. मुझे हमेशा से जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि रही है और इस चुनौती ने मुझे टैलेंट दिखाने का सही मंच दिया है."

आइए जानते हैं Heman Bekele के बारे में...

Heman Bekele फिलहाल वर्जीनिया के डब्ल्यूटी वुडसन हाई स्कूल में नौवीं क्लास में हैं. उन्हें प्रोग्रामिंग में पायथन, लुआ, जावास्क्रिप्ट और सी में महारथ हासिल है. ये स्किल उन्होंने खुद ही सीखा है. वह खुद को मेडिसिन, प्रोग्रामिंग और इनके प्रभावों को लेकर जुनूनी बताते हैं और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) और कंप्यूटर साइंस में रिसर्च और इंटर्नशिप के मौकों की तलाश कर रहे हैं." वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं. 

 

बेहद सस्ता है साबुन

बेकेले ने तीन रसायनों को मिलाकर कैंसर से लड़ने वाला एक ऐसा साबुन बनाया है, जो डेंड्राइटिक सेल को फिर से एक्टिव कर सकता है. डेंड्राइटिक कोशिकाएं जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रमुख कोशिकाएं होती हैं. जो कैंसर से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है. स्किन कैंसर को ठीक करने वाले इस एक साबुन की कीमत केवल $0.50 (करीब 41 रुपये) है, जबकि स्किन कैंसर की नॉर्मल ट्रीटमेंट में $40,000 (करीब 32 लाख रुपये) खर्च होते हैं. बेकेले अगले पांच सालों में अपने इस आइडिया को बेहतर बनाने और इसे किफायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए एक एनजीओ खोलने की योजना बना रहे हैं.

तीन केमिकल को मिलाकर बनाया साबुन

Bekele ने स्किन कैंसर के बारे में पढ़ने के बाद डेंड्राइटिक सेल्स के बारे में सीखना शुरू किया. सैलिसिलिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड और ट्रेटीनोइन केराटोलाइटिक ऐसे एसिड हैं जो स्किन की बाहरी परतों को Dissolve करने में मदद करते हैं. इससे रिसेप्टर्स, प्रोटीन को रिलीज होने में मदद मिलती है, जोकि जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी हैं. संक्रमित कोशिकाओं से लड़ने के लिए, डेंड्राइटिक कोशिकाएं व्हाइट ब्लड सेल्स के साथ मिलकर काम करती हैं. इस पदार्थ को त्वचा कैंसर का इलाज करने वाले साबुन या एससीटीएस के रूप में जाना जाता है. इसे प्रिस्क्रिप्शन के साथ कुछ दिनों में स्किन पर लगाया जा सकता है. 

रोकी जा सकती हैं कैंसर से होने वाली मौतें

स्किन कैंसर, त्वचा की कोशिकाओं में शुरू होने वाली जानलेवा बीमारी है. इससे हर साल लाखों मौतें होती हैं. स्किन का कैंसर अधिकतर विकासशील देशों में रहने वाले लोगों में पाया जाता है. इन देशों में एक ऑपरेशन की औसत कीमत 32 लाख के करीब है. इस साबुन के जरिए ऐसी बहुत सी मौतें हैं जिन्हें रोका जा सकता है. मेलेनोमा स्किन कैंसर का सबसे भयानक रूप होता है. स्किन कैंसर की बड़ी वजह है सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें.

स्किन कैंसर के लक्षण

  • त्वचा में अचानक तिल जैसे काले धब्बे नजर आना.

  • किसी पुराने तिल के आकार में तेजी से बदलाव आना. 

  • स्किन पर दिख रहे किसी तिल या मस्से से लगातार पपड़ी उतरना.

  • किसी जगह पर लगातार जलन महसूस होना.

  • शरीर पर किसी जगह लगातार खुजली होना.