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Explainer: क्या होता है Space Anemia, जिससे पीड़ित हैं NASA Astronaut सुनीता विलियम्स

NASA के एस्ट्रोनॉट्स, सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर जून के महीने से अंतरिक्ष में हैं. हाल ही में पता चला कि सुनीता Space Anemia से जूझ रही हैं. जानिए क्या है ये बीमारी.

NASA  Astronaut Sunita Williams (Photo: Wikipedia) NASA Astronaut Sunita Williams (Photo: Wikipedia)

नासा ने घोषणा की है कि जून में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए लॉन्च किए गए अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को थोड़े और समय के लिए ऑर्बिट में रहना होगा. स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के साथ चल रहे मुद्दों के कारण, अंतरिक्ष यात्रियों का मिशन, जो मूल रूप से आठ दिनों के लिए था, अब लगभग आठ महीने तक चलेगा.

ऐसे में, अंतरिक्ष यात्रा के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझना और मैनेज करना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. सबसे ज्यादा जरूरी है स्पेस एनीमिया (Space Anemia) के बारे में जानना और समझना. 

अंतरिक्ष एनीमिया (Space Anemia) क्या है?
अंतरिक्ष एनीमिया एक ऐसी कंडीशन है जो अक्सर एक्सटेंडेड स्पेस मिशन के दौरान और उसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों में देखी जाती है. एनीमिया का मतलब है शरीर में लाल रक्त कोशिकओं और हीमोग्लोबिन की कमी होना. धरती पर एनीमिया अक्सर पोषण संबंधी कमियों या पुरानी बीमारियों के कारण होता है, लेकिन स्पेस एनीमिया मुख्य रूप से अंतरिक्ष के अनूठे वातावरण के लिए शरीर के अनुकूलन के कारण होता है. 

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माइक्रोग्रैविटी में, शरीर महत्वपूर्ण द्रव परिवर्तनों (Fluid Shifts) का अनुभव करता है. पृथ्वी पर, गुरुत्वाकर्षण के कारण ब्लड और फ्लुइड्स  पूरे शरीर में डिस्ट्रिब्यूटेड रहते हैं. हालांकि, स्पेस में गुरुत्वाकर्षण पुल नहीं होता है, जिससे बॉडी का लिक्विड सिर की ओर ऊपर की ओर शिफ्ट हो जाता है. यह शिफ्ट ब्लड वॉल्यूम और लाल रक्त कोशिकाओं के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है. 

कारण और मैकेनिज्म
इन फ्लुइड शिफ्ट्स के कारण स्पेस एनीमिया होता है. माइक्रोग्रैविटी वातावरण में, शरीर के फिजियोलॉजिकल मैकेनिज्म नए फ्लुइड डिस्ट्रिब्यूशन में एडजस्ट हो जाते हैं, जिससे ओवरऑल ब्लड वॉल्यूम में कमी आती है. इस कमी के कारण लाल रक्त कोशिका की संख्या कम हो सकती है और हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो सकता है.

स्पेस एनीमिया का प्राथमिक कारण इस बात से जुड़ा है कि शरीर गुरुत्वाकर्षण की कमी के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करता है और उसकी भरपाई कैसे करता है. अंतरिक्ष में होने वाला फ्लुइड शिफ्ट बोव मैरो में बनने वाली लाल रक्त कोशिकाओं में बदलाव को ट्रिगर कर सकता है और इससे भी एनीमिया होने का रिस्क रहता है. 

हो सकते हैं ये नुकसान 
स्पेस एनीमिया घातक नहीं है, पर इससे जुड़े कई नुकसान हैं. यह स्थिति कई लॉन्गृटर्म हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकती है, अगर इसे ठीक से मैनेज न किया जाए तो. 

शारीरिक तनाव: लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन में कमी से थकान, कमजोरी और व्यायाम क्षमता में कमी हो सकती है. यह शारीरिक तनाव मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के परफर्मेंस को प्रभावित कर सकता है.

दिल से संबंधित रिस्क: लाल रक्त कोशिकाओं की कम संख्या से ऊतकों और अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है, जिससे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर दबाव पड़ सकता है. समय के साथ, यह तनाव दिल से संबंधित परेशानियों के खतरे को बढ़ा सकता है. 

ऐसे में धरती पर लौटने के बाद सही मेडिकल केयर मिलना बहुत ज्यादा जरूरी है.