पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर और ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है. दूसरी लहर में कई सारे अस्पतालों में संसाधनों की काफी कमी देखी गई थी लेकिन तीसरी लहर में इस तरह की कोई स्थिति ना बने इसलिए दिल्ली-एनसीआर के अस्पताल अब पूरी तरह से तैयार हैं. नोएडा के यथार्थ अस्पताल में कोरोना से निपटने के लिए अब 1200 बेड्स की व्यवस्था कर दी गई है. साथ ही साथ 66 आईसीयू बेड्स लगाए गए हैं और बच्चों के लिए भी अलग से 16 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है.
इसके साथ ही यहां पर एक स्पेशल आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है. स्पेशल आइसोलेशन वॉर्ड की खास बात यह है कि इनमें केवल कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए खास तरह के वेंटीलेटर्स इंस्टॉल किए गए हैं. ये सभी वेंटीलेटर्स मैक्स वेंटिलेटर द्वारा बनाए गए हैं. इन सभी वेंटीलेटर्स की सबसे खास बात यह है किए आत्मनिर्भर भारत के कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया के तर्ज पर बनाए गए हैं. चूंकि, कोरोना फेफड़ों से संबंधित बीमारी है इसीलिए इन वेंटीलेटर्स को खास कोरोना संक्रमित मरीजों और ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों के लिए ही बनाया गया है. इन वेंटीलेटर्स को प्रोटीन प्लस वेंटीलेटर कहा जाता है.
भारत में बनाए गए हैं प्रोटीन प्लस वेंटीलेटर्स
इन वेंटीलेटर्स को बच्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. क्योंकि बच्चों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं किया गया है इसलिए अगर तीसरी लहर आती है तो खतरा उन पर ज्यादा है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वेंटीलेटर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इनका इस्तेमाल बच्चों के लिए भी किया जा सकेगा. चूंकि यह पूरी तरह से भारत में बनाए गए हैं इसलिए इनकी कीमत भी बाकी वेंटीलेटर्स से 30-40 प्रतिशत कम है. पिछले साल तक एक साल में करीब 1000 वेंटीलेटर्स ही बन रहे थे लेकिन अब इन्होंने अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी दुगुनी कर दी है. हालांकि अब तक यथार्थ हॉस्पिटल में कोरोना से संक्रमित मरीज नहीं आए हैं लेकिन अस्पताल अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर चुका है.