scorecardresearch

भारत में जल्द ही स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को मिलेगी मंजूरी, बच्चों के वैक्सीनेशन के ये हैं अपडेट

फंड ने भारत के नियामक को स्पुतनिक एम को पंजीकृत करने के लिए दस्तावेज भी दे दिए हैं, जिसे 24 नवंबर में रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजीकृत किया था. यह स्पुतनिक वैक्सीन परिवार का एक नया सदस्य है और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश किया जा रहा है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • स्पुतनिक लाइट सिंगल शॉट कोविड -19 वैक्सीन जल्द ही भारत में उपलब्ध होगा

  • 12-17 साल की उम्र के बच्चों की वैक्सीनेशन के लिए भेजे गए दस्तावेज

रूस का स्पुतनिक लाइट सिंगल शॉट कोविड -19 वैक्सीन जल्द ही भारत में उपलब्ध होगा. रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने कहा कि 12-17 साल की उम्र के किशोरों के लिए वैक्सीन के वैक्सीन स्पुतनिक एम को पंजीकृत करने के लिए भारतीय  नियामक को दस्तावेज भी भेजे गए हैं. आरडीआईएफ ने कहा कि ये कदम भारत और रूस के बीच कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद होगी. बता दें कि इस साल अप्रैल में स्पुतनिक वी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत में स्पुतनिक लाइट के उत्पादन पर बातचीत पूरी होने वाली है. 

भारत में बच्चों के लिए जल्द ही आएगी स्पुतनिक लाइट

दिसंबर में भारत में स्पुतनिक लाइट का उत्पादन शुरू करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर, लावरोव ने कहा "स्पुतनिक लाइट पर बातचीत पूरी होने वाली है और स्पुतनिक वी का उत्पादन पहले से ही भारत में किया जा रहा है. हम हर साल सौ मिलियन से ज्यादा खुराक के बारे में बात कर रहे हैं. " हालांकि इस मामले पर बारत की तरफ से कोई जबाव नहीं आया है. आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा कि, फिलहाल आरडीआईएफ स्पुतनिक लाइट के पंजीकरण पर भारत के नियामक अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल कर रहा है.  ये उम्मीद जताई जा रही है कि   इसे जल्द ही देश में अधिकृत किया जाएगा.  ”बयान में ये भी बताया गया कि  हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज  (आरडीआईएफ के पार्टनर)  ने भारत में स्पुतनिक लाइट का अतिरिक्त नैदानिक ​​परीक्षण किया है और इन  परीक्षणों से "सकारात्मक डेटा" भारत के नियामक को पेश किया गया है. 

भारत में भेजे गए स्पुतनिक लाइट के दस्तावेज

फंड ने भारत के नियामक को स्पुतनिक एम को पंजीकृत करने के लिए दस्तावेज भी दे दिए हैं, जिसे 24 नवंबर में रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजीकृत किया था.  यह स्पुतनिक वैक्सीन परिवार का एक नया सदस्य है और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि "भारत के अधिकारियों के  फैसले के मुताबिक स्पुतनिक एम देश में किशोरों के लिए पहला विदेशी पंजीकृत टीका बन सकता है. 

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा: “रूस और भारत महामारी की शुरुआत से ही एक साथ काम कर रहे हैं.  इस रणनीतिक साझेदारी की बदौलत ही स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट टीकों का उत्पादन हो पाया है. दिमित्रीव ने आगे कहा कि , "हम भारत में लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने और लाखों लोगों की जान बचाने के लिए किशोरों के लिए स्पुतनिक लाइट वैक्सीन और स्पुतनिक एम वैक्सीन की पेशकश करने के लिए तैयार हैं. "

भारत में  स्पुतनिक वैक्सीन की सबसे ज्यादा खपत

स्पुतनिक वी को चार अरब से  ज्यादा  लोगों की कुल आबादी वाले 71 देशों में अधिकृत किया गया है. आरडीआईएफ ने रूसी टीकों के उत्पादन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, पैनासिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा, विरचो बायोटेक और मोरपेन सहित प्रमुख दवा कंपनियों के साथ समझौता किया है और भारत अब स्पुतनिक वी और स्पुतनिक के लिए प्रमुख उत्पादन केंद्र है.