पेट का कैंसर तब होता है जब कोशिकाओं का एक असामान्य समूह पेट के अंदर विकसित होता है. पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है. गैस्ट्रिक कैंसर होने के कई कारण हैं. अगर आपका खानपान और लाइफ स्टाइल ठीक नहीं है तो आपको गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा है.
गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण-
पेट के कैंसर के लक्षण कई बार नियमित संक्रमण या दूसरी बीमारियों जैसे होते हैं. ज्यादातर बार मरीज छोटी-मोटी बीमारियों को इग्नोर करते हैं. लेकिन उनको पता ही नहीं होता है कि उनके पेट में कैंसर जगह बना रहा है. शुरुआती स्टेज में पेट के कैंसर का कोई लक्षण नहीं दिखता है. लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ने लगता है. उसके लक्षण सामने आने लगते हैं.
कब होता है पेट का कैंसर-
शुरुआती स्टेज में पेट के कैंसर का लक्षण पता ही नहीं चलता है. पेट में दर्द या भूख नहीं लगने जैसी समस्या आती है. जिसे मरीज आम बीमारी समझ लेते हैं. वैसे तो पेट का कैंसर होने के क्या कारण है? इसको लेकर कोई ठोस सबूत नहीं है. लेकिन देखा गया है कि कई वजहों से कैंसर होता है. चलिए आपको कुछ कारणों को बताते हैं.
पेट के कैंसर का इलाज-
पेट के कैंसर का इलाज ज्यादातर सर्जरी के जरिए किया जाता है. सर्जरी से पेट के प्रभावित हिस्से को हटा दिया जाता है. इलाज के लिए कीमोथेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि पेट के कैंसर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. लेकिन रेडियोथेरेपी का और कुछ मामलों में कीमोथेरेपी और सर्जरी के जरिए लक्षणों को रोका जा सकता है.
सबसे पहले डॉक्टर ये कोशिश करते हैं कि ट्यूमर को शरीर से निकाल दिया जाए. लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं होता है तो डॉक्टर ट्यूमर को किसी भी तरह से बढ़ने से रोकने की कोशिश करते हैं. ये सब सर्जरी और कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है.
कई बार ऐसा होता है कि कैंसर को ना तो खत्म किया जा सकता है और ना ही उसके बढ़ने की दर को कम किया जा सकता है. ऐसी हालत में डॉक्टर मरीज को आराम देने के लिए इलाज करते हैं. जितना संभव हो सकता है, मरीज को आराम दिया जाता है.
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