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आपकी तरक्की का सीधा रिश्ता आपके खान-पान से है, शिकार कर के खाना हो सकता है और बेहतर!

चिंपैंजी, गोरिल्ला शाकाहारी और फ्रुजीवोर्स हैं . यानि ये जानवर भोजन पाने के लिए कम खतरा मोल लेते हैं या उनका मकसद अपना भोजन आसानी से ढूंढना है . रिसर्च में ये बताया गया कि यही वजह है कि आज इंसान धरती पर सबसे ताकतवर है . इंसान के पास सब कुछ करने की क्षमता है, इसलिए आज इंसान बेहतर जिंदगी जी रहा है और बढ़िया खाना खा रहा है.

आपकी तरक्की का सीधा रिश्ता आपके खान-पान से है आपकी तरक्की का सीधा रिश्ता आपके खान-पान से है
हाइलाइट्स
  • धरती पर सबसे ज्यादा मनुष्यों को  कैलोरी की जरूरत पड़ती है

  • तंजानिया के लोगों और जंगली  गोरिल्ला के बीच की गई स्टडी

धरती पर जीवन की शुरूआत होने के साथ इंसान अपना गुजर बसर करने के लिए शिकार किया करते थे. शिकार के जरिए वो जंगली जानवरों को मारते थे और अपना पेट भरते थे. अब एक रिसर्च में काफी दिलचस्प खुलासा हुआ है जो मानव जीवन के शुरूआती दिनों की यादें ताज़ा कर रहा है. ड्यूक यूनिवर्सिटी में इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में किए गए इस रिसर्च में ये बात सामने आई कि शिकार कर के खाना जोखिम भरा जरूर है लेकिन इसके फायदे बहुत हैं. ये रिपोर्ट सांइस जर्नल में छपी है. 

ड्यूक यूनिवर्सिटी में इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर स्टडी लीडर हरमन पोंटज़र ने कहा, “शिकार करना यकिनन ही खतरे से भरा है कुछ लोगों के लिए ये नामुमकिन भी है, लेकिन इसके अनगिनत फायदे हैं. 

धरती पर सबसे ज्यादा मनुष्यों को कैलोरी की जरूरत पड़ती है

रिसर्च में ये भी बताया गया कि मनुष्यों को  ज्यादा  कैलोरी की जरूरत पड़ती है, और इंसान सभी जिवों के मुकाबले ज्यादा उर्जा का इस्तेमाल करते हैं. इंसानी दिमाग बड़े होते हैं क्योंकि इंसान ज्यादा कैलोरी खाता है. धरती पर किसी दूसरे जिवों की तुलना में इंसान सबसे ज्यादा समय तक जिवित रहते हैं. इंसानी मादा का गर्भ धारण भी लंबा होता है, इंसानी बच्चे ज्यादा समय तक अपने बड़ो पर निर्भर रहते हैं. इसलिए मनुष्यों में सबसे ज्यादा ऊर्जा होती है. ऐसे में ये जानना भी दिलचस्प है कि इंसानों ने धरती पर रह कर सबसे ज्यादा ऊर्जा कैसे हासिल की. 

तंजानिया के लोगों और जंगली  गोरिल्ला के बीच की गई स्टडी

कैलिफोर्निया सांता बारबरा विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक शोधकर्ता थॉमस क्राफ्ट के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने तंजानिया के लोगों और जंगली  गोरिल्ला, चिंपांज़ी में ऊर्जा की तुलना की. जिन  तंजानिया के लोगों पर रिसर्च किया गया उनमें शामिल हुए लोग बोलीविया के चारा-बागवान और  जानवरों को मार कर भोजन इकट्ठा करते हैं. इस शोध का मकसद ये देखना था कि एक खास तरह का भोजन खा कर कोई भी कितने वक्त के लिए अपने अंदर एनर्जी फिल कर सकता है, 

शरिर में ऊर्जा को बचाए रखना  इस बात पर निर्भर करता था कि आपने एक समय में कितना भोजन किया और आपने इसे खाने में कितना समय खर्च किया.  शोधकर्ताओं ने पाया कि शिकारी और चारा बागवानी करने वाले लोगों में ऊर्जा ज्यादा है.  क्योंकि ये भोजन पाने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं, साथ ही ये लोग अपने कामों को भी तेजी से करते हैं. 

दूसरी ओर, चिंपैंजी, गोरिल्ला मुख्य रूप से शाकाहारी और फ्रुजीवोर्स हैं . ऐसे बहुत कम ही चिंपैंजी हैं जो मांस खाते हैं. यानि ये जानवर भोजन पाने के लिए कम खतरा मोन लेते हैं या उनका मकसद अपना भोजन आसानी से ढूंढना है . 
रिसर्च में ये बताया गया कि यही वजह है कि आज इंसान धरती पर सबसे ताकतवर है . इंसान के पास सब कुछ करने की क्षमता है, इसलिए आज इंसान बेहतर जिंदगी जी रहा है और बढ़िया खाना खा रहा है.