दुनियाभर में एक बार फिर से डिजीज X को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आगाह किया है कि ये बीमारी कोविड-19 जैसी ही हो सकती है. यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली डेम केट बिंघम ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है कि अगली महामारी कम से कम 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भाग्यशाली थी कि कोरोना वायरस ज्यादा घातक नहीं था.
डिजीज एक्स क्या है?
ग्लोबल हेल्थ बॉडी WHO ने भी इस पर ध्यान दिया है. उन्होंने डिजीज एक्स को कोविड-19, इबोला, लासा बुखार, मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS), निपाह और जीका के साथ वर्गीकृत किया है.
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, यह शब्द "इस बात को बताता है कि एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी किसी बड़े रोग का कारण बन सकती है. यह कोई भी नया एजेंट हो सकता है -जैसे एक वायरस, एक बैक्टीरिया या फंगी. और इसका ट्रीटमेंट भी अभी पता नहीं है.
क्या ये कोई नई बीमारी है?
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, WHO ने औपचारिक रूप से 2018 में इस शब्द का उपयोग शुरू किया था. इसमें बताया गया था कि ये बीमारी आगे चलकर बड़ी बीमारी बन सकती है. साथ ही यह कहा गया है इसपर अभी और रिसर्च होनी जरूरी है.
वैक्सीन बनाने पर हो रहा है काम
डब्लूएचओ ने इसको लेकर वैक्सीन बनाने पर काम भी शुरू कर दिया है. ग्लोबल हेल्थ बॉडी के अनुसार अगर भविष्य में कोई बड़ा प्रकोप होता है, तो वे बीमारी का कारण बनने वाले वायरस को फैलने से रोक सकते हैं साथ ही एक नया टीका बनाने के लिए पहले से विकसितप्लेटफॉर्म बना सकते हैं.
वैज्ञानिक कर रहे हैं मॉनिटरिंग
डेम केट बिंघम ने आगाह किया कि डिजीज एक्स, कोविड-19 से सात गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगली महामारी मौजूदा वायरस से उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने डेली मेल से बात करते हुए कहा, "बेशक, सभी इंसानों को इससे खतरा नहीं हैं - लेकिन बहुत सारे लोगों को है. ऐसे में वैज्ञानिक 25 वायरस फैमिली की निगरानी कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में हजारों वायरस शामिल हैं, जिनमें से कोई भी एक गंभीर महामारी में बदल सकता है.
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