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Early hearing loss detection: बहरेपन का पहले ही लग जाएगा पता! आपकी आंखें बताएंगी कानों की परेशानी के बारे में 

Early hearing loss detection: तीन एक्सपेरिमेंट में लोगों को साउंड सुनवाई गई. इसमें उन्हें स्क्रीन पर लगे एक बिंदु को फोकस करने के लिए कहा गया. जब सुनना मुश्किल हो गया तो देखा गया कि उनकी आंखों का मूवमेंट कम हो गया है. 

Detecting hearing problems Detecting hearing problems
हाइलाइट्स
  • आंखों से पता चलेगा कानों की मुश्किलों के बारे में 

  • लोगों को हो सकता है फायदा

आमतौर पर, डॉक्टर यह देखने के लिए आपके कानों की जांच करते हैं कि आपको सुनने में कोई समस्या तो नहीं है. आप कितना सुन सकते हैं और कहां तक, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर एक टेस्ट करते हैं. लेकिन ये टेस्ट बहरेपन के शुरुआती लक्षणों को आसानी से अनदेखा कर सकता है. लेकिन अब बहरेपन से पहले ही आपको उसके लक्षण दिख जाएंगे. जी हां! और वो भी अपनी आंखों में. इसका मतलब है कि आपकी आंखें देखकर पता लग सकता है कि भविष्य में आपको बहरेपन का सामना करना पड़ सकता है या नहीं.    

आंखों से पता चलेगा कानों की मुश्किलों के बारे में 

टोरंटो यूनिवर्सिटी और रोटमैन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता एक बेहतर तरीका लेकर आए हैं. यह पता करने के लिए कि किसी को सुनने में मुश्किल हो रही है इसके लक्षणों को वे लोगों की आंखों से पता कर सकते हैं. इस रिसर्च में उन्होंने भाषण सुनते समय लोगों की आंखों का अध्ययन किया है.  दरअसल, जब लोगों को सुनने में परेशानी होती है, तो वे अपनी निगाहों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं. इसे उनकी आंखों से सुनने जैसा समझें. यानि वे लोग आंखों से फोकस करके बात को सुनने की कोशिश करते है. 

उन्होंने इसका अध्ययन कैसे किया?

इसमें किए गए तीन एक्सपेरिमेंट में लोगों को साउंड सुनवाई गई. इसमें उन्हें स्क्रीन पर लगे एक बिंदु को फोकस करने के लिए कहा गया और इस दौरान उनकी आंखों की एक्टिविटी रिकॉर्ड की गई. प्रतिभागियों को एक ही समय में सुनाई पड़ने वाली अलग-अलग बातों की आवाज सुनवाई गई. जब सुनना मुश्किल हो गया तो देखा गया कि उनकी आंखों का मूवमेंट कम हो गया है. 

आंखों का मूवमेंट कम होने का मतलब है वे बेहतर तरीके से और ध्यान लगाकर उस स्पीच को सुन रहे हैं. सभी प्रयोगों में, आंखों का मूवमेंट इस बात से जुड़ा हुआ था कि लोग सुनने की कितनी कोशिश कर रहे हैं. 

लोगों को हो सकता है फायदा

इस स्टडी में सामने आया कि आंखों के हिलने का मतलब हमेशा सुनने की कमी नहीं होता है, लेकिन यह एक शुरुआती संकेत हो सकता है कि किसी को सुनने में परेशानी हो रही है. अब शोधकर्ताओं ने यह देखने की योजना बनाई है कि ये स्टड़ी और आंखों की मूवमेंट वृद्ध लोगों में बहरेपन का पता लगा सकती है या नहीं.