छोटी-छोटी बीमारियों में हम अक्सर एंटीबायोटिक दवाई ही खाते हैं. हालांकि, कई दवाइयां ऐसी भी होती हैं जिनके साइड इफेक्ट बड़े खतरनाक होते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों ने अब इसे कम करने का तरीका खोज निकाला है. दवाओं के असर को कम किए बगैर उनके साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए एक स्टडी की गई है. इसके मुताबिक एंटीबायोटिक दवाओं को एक एंटीडोट के साथ मिलाकर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है.
एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट होंगे कम
दरअसल, जर्नल नेचर में प्रकाशित इस स्टडी में सबसे आम बैक्टीरिया पर 144 अलग-अलग एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावों का विश्लेषण किया गया. इस स्टडी में पेट के माइक्रोबायोम (Gut Bacteria) पर एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट को कम करने के लिए काम किया गया है. इस स्टडी को 15-18 अप्रैल तक कोपेनहेगन, डेनमार्क में इस साल की यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ECCMID) में प्रस्तुत किया गया था.
एंटीबायोटिक दवाओं को एक एंटीडोट मिलाया गया
मैक्स-डेलब्रुक के Ulrike Lober ने कहा, "वैज्ञानिकों ने एक नए तरीके की पहचान की है जो आंतों के माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखने में मदद करने वाला है. इसके लिए एंटीबायोटिक दवाओं को एक एंटीडोट के साथ जोड़ा गया है. जिससे उनकी क्षमता घटाए बगैर एंटीबायोटिक दवाओं के साइड को कम किया जा सकेगा.”
एंटीबायोटिक के होते हैं अपने साइड इफेक्ट
दरअसल , पेट की आंतों में अरबों सूक्ष्मजीव (microorganisms) होते हैं, जो हमारे पाचन में सहायता करके, पोषक तत्व और मेटाबोलाइट प्रदान करते हैं. इससे हमारे शरीर की इम्यूनिटी पर असर पड़ता है. जो हमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को दूर में मदद करती है. लेकिन, एंटीबायोटिक्स इन माइक्रोबियल कम्युनिटी को नुकसान पहुंचा सकती हैं. जिसकी वजह से असंतुलन पैदा हो सकता है. ये असंतुलन कुछ समय के बाद क्लॉस्ट्रिडियोइड्स डिफिसाइल इन्फेक्शन के साथ-साथ मोटापे, एलर्जी, अस्थमा और दूसरी इम्यूनिटी से जुड़ी दिक्कतें या सूजन संबंधी बीमारियों को बुलावा दे सकती हैं.