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Fast internet linked to obesity: आपका इंटरनेट जितना तेज होगा, आपके मोटे होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी, स्टडी में खुलासा

नेटफ्लिक्स या प्राइम स्ट्रीम करते हुए घंटों बिता देना और इस बीच बैठे-बैठे बस खाना और स्क्रीन देखना लोगों की कॉमन लाइफस्टाइल हो गई है. ऑस्ट्रेलिया में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, फास्ट इंटरनेट मोटापा बढ़ने का बड़ा कारण बन रहा है.

Internet linked with obesity (Representational Image) Internet linked with obesity (Representational Image)

क्या आपको पता है आपका हाई स्पीड इंटरनेट आपको थोड़ा सुस्त बना रहा है? जी हां, एक नई रिसर्च स्टडी के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में फास्ट इंटरनेट कनेक्शन  मोटापे की दर को बढ़ा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में हाउसहोल्ड, इनकम और लेबर डायनैमिक्स (HILDA) सर्वे को स्टडी किया गया है और 2006 से 2019 तक हाई-स्पीड इंटरनेट के विस्तार को भी ट्रैक किया. बात इसके रिजल्ट की करें तो जितना फास्ट इंटरनेट, उतना ज्यादा लोगों का वजन बढ़ा है. 

फास्ट इंटरनेट से बदल रही हैं रोजाना की आदतें 
मोनाश बिजने स्कूल के डॉ क्लॉस एकरमैन के मुताबिक, फास्ट इंटरनेट और मोटापे के बीच का लिंक लोगों के 'इनएक्टिव व्यवहार' से समझ सकते हैं. उनका कहना है कि WHO के सुझाव के मुताबिक, हर इंसान को मिनिमम फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. लेकिन हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन होने के कारण लोग इतना भी नहीं करते हैं और ज्यादा इनएक्टिव हो जाते हैं. फिजिकली एक्टिव न होने के कारण उनका वजन बढ़ता है. 

दरअसल, हाई-स्पीड इंटरनेट के कारण, हम शोज देखने या ऑनलाइन गेम्स खेलने में घंटों निकाल देते हैं. घंटों तक ऑनलाइन रहने के कारण ही लोगों की फिजिकल एक्टिविटी जीरो होने लगती है. इससे मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक असर पड़ता है और इसका रिजल्ट है मोटापा. और, हम सिर्फ बैठे ही नहीं रहते हैं बल्कि साथ में कुछ न कुछ स्नैक्स भी खाते रहते हैं. कंप्यूटर इस्तेमाल करते समय स्नैक्स खाने की आदत से भी परेशानी बढ़ती है. इससे हर दिन का कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है और इससे मोटापा बढ़ता है. 

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इकॉनोमिक परेशानी है मोटापा 
ऑस्ट्रेलिया में लोगों का मोटापा सिर्फ हेल्थ से  संबंधित परेशानी नहीं बढ़ा रहा है बल्कि इससे इकॉनोमिक परेशानी भी बढ़ रही है. देश को साल 2018 में मोटापे की कीमत 11.8 बिलियन डॉलर पड़ी थी जो 2031 तक 87.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. हमारा इंटरनेट जितना फास्ट होता जा रहा है, हमारी जिंदगी उतनी है स्लो हो रही है. इसमें लोग ज्यादातर बैठे ही रहते हैं और कम चलते-फिरते हैं. 

कैस ब्रेक करें यह सायकल 
इस समस्या के समाधान की बात करें तो डॉ. एकरमैन का सुझाव है कि हमें लोगों को ज्यादा स्क्रीन पर टाइम बिताने के नुकसानों के बारे में बताने के लिए पब्लिक हेल्थ कैंपेन करने चाहिए. लोगों को इंटरनेट के कारण उनकी बढ़ रही इनएक्टिनिटी के बारे में जागरुक किया जाए ताकि वे स्क्रीनटाइम से बीच-बीच में ब्रेक लें और हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए फिजिकल एक्टिविटीज करते रहें. जैसे पब्लिक कैंपेन्स लोगों को प्रेरित कर सकते हैं कि वे अपने घर के लिए ग्रोसरीज खुद मार्केट जाकर लाएं न कि ऑनलाइन ऑर्डर करें. हाई-स्पीड इंटरनेट आधुनिक जीवन का हिस्सा हो सकता है, लेकिन अब शायद बहुत जरूरी है कि हम सब समय-समय पर इससे एक ब्रेक लें.