मेडिकल साइंस में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं कि हम कहते है कि ये चमत्कार है. अमित कुमार शर्मा का करीब 10 साल पहले एक्सीडेंट हुआ. जिसके बाद उनके बाएं पैर में लिम्फिडिमा नाम की बीमरी हो गयी. जिसे हिंदी में हाथी पाँव भी बोलते है. यानी इसमें मरीज़ का पैर थोड़ा ही समय मे हाथी के पैर के बराबर हो जाता है.
पिछले 10 साल से काट रहे हैं अस्पताल के चक्कर
अमित ने पिछले 10 सालों देश के सभी बड़े अस्पतालों में चक्कर काट लिए, जेब में पैसे भी नहीं बचे थे, नौकरी जा चुकी थी, घर में कोई कमाने वाला नहीं था. ऐसे में इस बीमारी की वजह से वो चल भी नहींं पाते थे. अमित ने 2021अगस्त में मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में अपने आप को दिखाया और वही से इस अद्भभुत सर्जरी की शुरुआत हुई.
25 डॉक्टर्स की टीम ने किया इलाज
अमित के इलाज करने के लिये मैक्स हॉस्पिटल ने करीब 25 डॉक्टर्स की टीम लगी थी. करीब 6 महीने में 18 से ज्यादा सर्जरी हुई और 90 घंटे से ज्यादा ओपरेशन का समय लगा. जब अमित मैक्स आये थे तो उनके पैर का वजन करीब 50 किलो था, जो अब करीब 23 किलो राह गया है. यानी सर्जरी में 27 किलो को कम किया गया है. मैक्स पडपडगंज के एमडी डॉ मनोज कहते है कि ये हमारे लिए बिल्कुल नया केस था. अमित का कई जगह इलाज पहले भी हो चुका था. जिसकी वजह से केस खराब हो रहा था पर आखिरकार अब अमित चल सकते हैं.
स्लो पोइज़न की तरह काम करती है ये बीमारी
आम तौर पर अगर इस बीमारी को आप कैंसर जितना खरतनाक कह सकते हैं. इसमें मरीज की किसी हादसे में नसे डैमेज हो जाती है. जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है. रक्त एक ही जगह इक्कठा होना शुरू हो जाता है. इसमें पैर का साइज लगातार बढ़ता रहता है. उसका सीधा असर मस्तिष्क और दिल पर पड़ता है. ये एक तरह का स्लो पोइज़न है. जो मरीज की धीरे-धीरे जान लेता है. हालांकि अब अमित अपने इस ऑपरेशन के बाद फिलहाल चल भी पा रहे है. वही डॉक्टर्स की मानें तो आने वाले दिनों में उनके दोनों पैरों का साइज लगभग समान भी हो जाएगा.