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Chandigarh के बुजुर्गों ने सेहतमंद रहने के लिए अपनाया अनोखा तरीका, पढ़िए कैसे भांगड़ा कर खुद को रखते हैं फिट

चंडीगढ़ के बुजुर्गों ने खुद को फिट और सेहतमंद रखने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. मस्ती-मस्ती में वे अपनी सेहत का भी ध्यान रख रहे हैं. दरअसल में बुजुर्गों ने भांगड़ा करके शरीर और अपने आप को स्वस्थ रखने का तरीका अपनाया है.

Bhangra (Photo-Lalit Sharma) Bhangra (Photo-Lalit Sharma)

अपने आप को स्वस्थ खुश और तनाव मुक्त रखने के लिए लोग तमाम उपाय करते हैं. चंडीगढ़ के बुजुर्गों ने भी एक बेहतरीन तरीका अपनाया है. जी हां मस्ती मस्ती में अपनी सेहत का भी ध्यान रखा जाता है और अपनी सभ्यता और सभ्याचार को भी बचाया जा रहा है. तमाम बुजुर्ग सुबह-सुबह चंडीगढ़ की सेक्टर 42 की लेक पर हर रोज भांगड़ा करते हैं और अपने आप को स्वस्थ और शरीर को पूरी तरह से चार्ज करके दिन की शुरुआत करते हैं. 

रोज सुबह करते हैं भांगड़ा 

यह तस्वीरें आपको खुश कर देगी आपको प्रफुल्लित कर देगी. जब आप इनके देखेंगे तो अपने आप को भी आप रोक नहीं पाएंगे और भांगड़ा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. यह तमाम बुजुर्ग किसी कंपटीशन की तैयारी नहीं कर रहे. इनका यह रोज का रूटीन है और लगभग पिछले 3 सालों से हर रोज सुबह यह नजारा है यहां पर देखने को मिलता है. चंडीगढ़ की सेक्टर 42 लेक पर सुबह करीब दो दर्जन से ज्यादा बुजुर्ग मस्ती मस्ती में अपनी सेहत का ध्यान रखते हैं और उसके लिए उन्होंने जो तरीका अपनाया है वह है अपनी सभ्यता और सभ्याचार के साथ जुड़ा हुआ यह तमाम बुजुर्ग भांगड़ा करके शरीर और अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए हर रोज सुबह यहां पर करीब डेढ़ घंटा जमकर भांगड़ा डालते हैं.

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तनाव और स्ट्रेस को ऐसे रखते हैं दूर

इस इस ग्रुप को इन बुजुर्गों ने मॉर्निंग वॉकर नाम दिया है और इनके प्रधान बलकार सिद्धू ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में बताया कि की तमाम बुजुर्ग अपने आप को तनाव और स्ट्रेस से दूर रखने के लिए यहां पर एक्सरसाइज और वॉक के अलावा भांगड़ा डालकर अपने आप को स्वस्थ और खुश रखते हैं. बलकार सिद्धू ने बताया कि बहुत से लोगों के बच्चे नौकरी के लिए या तो शहर से दूर है या फिर विदेश में है किसी तरह का कोई अकेलापन ना रहे उसके लिए भांगड़ा अपने आप में लोगों को तनाव मुक्त करने के लिए काम करता है. 

कोरोना काल में शुरू की थी पहल

बलकार ने बताया कि महामारी और Covid के दौरान जब बहुत तनाव देखने को मिला था तब मौज मस्ती में बुजुर्गों ने इसकी पहल की थी. धीरे-धीरे यह कारवां और काफिला बुजुर्गों का बढ़ना शुरू हो गया और तब से लेकर हर रोज यहां पर करीब एक से डेढ़ घंटा बुजुर्ग अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए भांगड़ा करते हैं. उन्होंने बताया कि हमारी एनर्जी को देखते हुए हमारे साथ अब छोटे बच्चे और बाकी लोग भी यहां पर आकर भांगड़ा करते हैं.