केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को बताया कि भारत ने अभी तक अपने कोविड-19 फंड का कुल 17 प्रतिशत ही उपयोग किया है. बता दें, पिछले अगस्त में केंद्र सरकार ने इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पांस पैकेज (2) के तहत 23,123 करोड़ रुपयों का बजट निर्धारित किया था. अब केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस फंड का 83 प्रतिशत अभी भी बचा हुआ है, जिसे आने वाले समय में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किया जायेगा. उन्होंने राज्यों को थोड़ा और तेजी के साथ काम करने की सलाह भी दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “दूसरे कई देश पहले की तुलना में इस बार के कोविड-19 मामलों में 3-4 गुना वृद्धि देख रहे हैं. भारत में भी इसके मामले हमारे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, राज्यों को बढ़ रहे कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए.”
आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड बनाने में लाएं तेजी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू, एचडीयू बेड के मामले में तेजी लाएं. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से टेली-मेडिसिन और टेली-कंसल्टंसी के लिए आईटी उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है. इसमें मानव संसाधनों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता, इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के लिए कोविड-19 सुविधाएं, होम आइसोलेशन में रहने वालों की निगरानी आदि शामिल हैं.
केंद्र ने दी थी 23 हजार आईसीयू बेड के निर्माण की योजना को मंजूरी
पिछले साल अगस्त में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23,123 करोड़ रुपये के एक नए इमरजेंसी कोविड-19 रेस्पोंस फंड ((ECRP-II) को मंजूरी दी थी. इस योजना के अनुसार, और दूसरी लहर पर राज्यों द्वारा प्राप्त अपने अनुभव के आधार पर, केंद्र ने 23,056 आईसीयू बेड के निर्माण की योजना को मंजूरी दी थी. योजना के तहत, सात राज्यों को 1,000 से अधिक बेड स्थापित करने थे. जिसमें उत्तर प्रदेश ने 4,007 बेड, कर्नाटक ने 3,021, महाराष्ट्र ने 2,970, पश्चिम बंगाल ने 1,874, तमिलनाडु ने 1,583, मध्य प्रदेश ने 1,138, और, आंध्र प्रदेश ने 1,120 बेड अपने राज्य में बनाये हैं.
छह राज्यों को 75,218 बेड में से मिलेगा 60 प्रतिशत हिस्सा
महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश के ग्रामीण हिस्से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए. गौरतलब है कि छह राज्यों को 75,218 बेड में से 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा. ये छह राज्य, जिनके ग्रामीण हिस्सों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, माध्यमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में 5,000 से अधिक बेड जोड़े जाएंगे. इसमें, उत्तर प्रदेश में 11,770, बिहार में 9,920, आंध्र प्रदेश में 9,596, ओडिशा में 8,206, असम में 7,320 और झारखंड में 5,798 बनाए जाने हैं.
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