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ICMR Study: कोविड वैक्सीनेशन की वजह से युवाओं में मौत का जोखिम नहीं बढ़ा, ये आदतें हो सकती है वजह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आईसीएमआर की स्टडी का हवाला देते हुए कहा था कि जिन लोगों को कोविड संक्रमण हुआ था, उन्हें दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए एक या दो साल तक हैवी वर्क आउट नहीं करना चाहिए.

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हाइलाइट्स
  • कोविड वैक्सीनेशन की वजह से युवाओं में मौत का जोखिम नहीं बढ़ा

  • हैवी वर्क आउट से बचने की सलाह

ICMR (Indian Council of Medical Research) ने अपनी स्टडी में साफ कर दिया है कि कोविड वैक्सीनेशन का युवाओं की मौत से कोई लेना देना नहीं है. स्टडी के मुताबिक कोविड​​​​-19 वैक्सीनेशन से भारत में युवाओं में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है. इस अध्ययन में कहा गया है कि जिन वजहों से ऐसी संभावनाएं बढ़ी हैं, उनमें कोविड की वजह से लंबे समय तक अस्पताल में रहना और मौत से कुछ समय पहले जरूरत से ज्यादा शराब पीना और हैवी वर्क आउट शामिल हो सकते हैं. 

अचानक होने वाली मौतों की वजह का पता लगाने के लिए की गई स्टडी

भारत में 18-45 साल की उम्र के वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों से जुड़े कारणों को लेकर हुआ अध्ययन अभी रिव्यू के अधीन है और अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है. भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों की खबरों ने शोधकर्ताओं को रिसर्च करने के लिए मजबूर किया. इन मौतों ने आशंका पैदा कर दी कि ये मौतें कोविड-19 या बीमारी के खिलाफ वैक्सीनेशन से जुड़ी हो सकती हैं. ये स्टडी भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों के बीच अचानक अस्पष्ट कारणों से मौत की वजहों की जांच करने के लिए की गई थी. 

हैवी वर्क आउट से बचने की सलाह

इससे पहले आईसीएमआर की स्टडी का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि जिन लोगों को कोविड संक्रमण हुआ था, उन्हें दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए एक या दो साल तक हैवी वर्क आउट नहीं करना चाहिए.

इन लोगों पर की गई स्टडी

ICMR की स्टडी में 18-45 साल की आयु के स्वस्थ व्यक्तियों की रिपोर्ट शामिल की गई जिन्हें पहले से कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं थी. इनकी 1 अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई थी. हर केस में उम्र, लिंग और इलाके के आधार पर चार अन्य लोगों को मिलान के लिए चुना गया. शोधकर्ताओं ने 729 (मौत के) मामलों और 2,916 नियंत्रण अध्ययन के लिए शामिल लोगों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी एकत्र की. जैसे उनकी रोजमर्रा की आदतें, उनकी जीवनशैली, फिजिकल एक्टिविटी या फिर क्या उन्हें कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और क्या उन्हें कोई वैक्सीन दी गई थी?

टीकाकरण से युवाओं में आकस्मिक मौत का खतरा नहीं बढ़ा

शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा नहीं बल्कि COVID-19 टीकाकरण से वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों का जोखिम कम देखने को मिला. जिन कारकों ने अचानक मौत की संभावना को बढ़ाया उनमें अतीत में Covid​​​​-19 के बाद लंबे समय तक अस्पताल में रहना और मृत्यु से कुछ समय पहले अत्यधिक शराब पीना और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे कुछ व्यवहार शामिल थे.