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Organ Donation: सैनिक ने मरने के बाद भी बचाई दो जानें, परिवार ने दान किया हार्ट और लिवर

कहते हैं कि जिंदगी में कुछ न कुछ नेकी करनी चाहिए जिससे जीवन सफल हो जाए. लेकिन बहुत से लोग तो आज मरने के बाद भी नेकी कर जाते हैं. ऑर्गन डॉनेशन के जरिए दूसरों को नई जिंदगी दे जाते हैं. इसका एक उदाहरण ओडिशा में देखने को मिला.

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ओडिशा के खुर्दा जिले में एक CRPF जवान ने मौत के बाद भी दो लोगों को नई जिंदगी दी है. दरअसल, जवान को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया था. जिसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने उनका हार्ट और लीवर दान कर दिया. जिस निजी अस्पताल में उनकी मृत्यु हुई, उसके एक डॉक्टर ने कहा कि दो व्यक्तियों को नया जीवन देने के लिए दोनों अंगों को कोलकाता और मुंबई ले जाया गया. सूत्रों के मुताबिक, कृष्ण चंद्र महाभोई जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ में हवलदार के पद पर कार्यरत थे. 

राष्ट्र को समर्पित जीवन 
क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित होने के कारण, वह लगभग दो वर्षों से डायलिसिस से गुजर रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्हें  ब्रेन डेड घोषित किया गया था. उनके निधन के बाद, डॉक्टरों ने परिवार के सदस्यों से अंग दान के लिए अनुमति मांगी और वे सहमत हो गए. हालांकि, शुरुआत में परिवार इस बारे में झिझक रहा था. 

लेकिन कृष्ण चंद्र की पत्नी ने अपने बच्चों को सुझाव दिया कि उनके पिता ने अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. अब, अगर उनके पिता के अंगों से दो लोग जीवित रह सकते हैं, तो यह भी एक सेवा होगी. उनके हार्ट को कोलकाता के एक मरीज में और लिवर मुंबई के एक अन्य मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

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