हम सभी को साउथ इंडियन खाना काफी अच्छा लगता है. वीकेंड पर हमारे घरों में अक्सर इडली, वड़ा, सांभर जैसी चीजें जरूर बनती हैं. लेकिन ये दक्षिण भारत के मुख्य भोजन में से एक है. भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में न केवल एक समृद्ध संस्कृति और विरासत है, बल्कि यहां पर हर प्रदेश की अपनी एक पहचान है. हर राज्य का अपना मुख्य व्यंजन और खाना पकाने का अनोखा तरीका होता है. इडली एक ऐसी ही लाजवाब डिश है और इसमें कुछ पोषक गुण भी होते हैं. इडली के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं.
नाशते के रूप में इडली काफी अच्छा ऑप्शन है. इडली टेस्टी तो होती ही है, साथ ही साथ ये काफी हेल्दी भी है. ये ट्रेडिशनल तौर पर चावल और उड़द की दाल से बनती है. फिर इन्हें सांचे में डालकर स्टीम किया जाता है. आज वर्ल्ड इडली डे पर हम आपको इडली के कई बेनेफिट्स बताएंगे.
वजन कम करने में मददगार
इडली एक हल्की फूली हुई डिश है जिसमें कैलोरी कम होती है, और इसलिए यह वजन घटाने के लिए अच्छी होती है. चूंकि यह प्रोटीन और फाइबर में उच्च है, यह पेट को अधिक समय तक भरा रखने में मदद करता है और इससे मेन कोर्स खाने के लिए भी भूख कम लगती है.
फाइबर और आयरन से भरपूर: इडली फाइबर से भरपूर होती है जो इसे पचाने में आसान बनाती है. इसके अलावा, क्योंकि यह दाल से बना होता है, यह आयरन से भी भरपूर होता है.
प्रोटीन से भरपूर: जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन फर्स्ट क्लास प्रोटीन होता है. जिससे हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में अमीनो एसिड मिलता है. वहीं सेकंड क्लास प्रोटीन वो होते हैं, जो पौधों से मिलते हैं, इसने अमीनो एसिड थोड़े कम होते हैं. चूंकि अनाज और दालों में व्यक्तिगत रूप से कुछ अमीनो एसिड की कमी होती है, इसलिए उन्हें सेकंड क्लास प्रोटीन माना जाता है. लेकिन जब अनाज और दालों को मिला लिया जाता है, जैसे कि इडली में, सभी आवश्यक आवश्यक अमीनो एसिड प्राप्त होते हैं और यह फर्स्ट क्लास प्रोटीन के बराबर हो जाता है.
आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छा: फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के कारण, इडली प्रोबायोटिक्स का भी एक अच्छा स्रोत है, इस प्रकार यह आंतों के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करता है. प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्म जीव हैं जो बेहतर पाचन स्वास्थ्य से लेकर भोजन से सूक्ष्म पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण तक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं.
इस तरह इडली को बनाएं और हेल्दी
इडली को हेल्दी बनाने के लिए कई तरीकों से बनाया जा सकता है. इडली में चावल के बजाय बाजरा + दाल या रवा + दाल या जई + दाल के बजाय जटिल कार्बोहाइड्रेट का उपयोग करके इसकी मूल संरचना में बदलाव करने से हमारे शरीर को फाइबर भी मिलेगा.
इडली को सेहतमंद बनाने के लिए हम एक और बदलाव कर सकते हैं. आमतौर पर इडली में 3 भाग चावल और 1 भाग उड़द दाल का अनुपात होता है. लेकिन अगर इसकी जगह 1 भाग चावल और 1 भाग दाल या 1 भाग चावल और 2 भाग दाल डाली जाए तो ये काफी हेल्दी होगा.
हम अपनी इडली को अधिक रंगीन और फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर बनाने के लिए इसमें बहुत सारी सब्जियां भी मिला सकते हैं. अपनी पसंद की सब्जियों को बारीक काट कर या प्यूरी बनाकर बैटर में मिला कर अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है.