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‘कोरोना मित्र’ के जरिए किया जा रहा है लोगों का ट्रीटमेंट, डॉक्टर्स की टीम दिन-रात फोन और वीडियो कॉल से कर रही है मरीजों का इलाज

डॉक्टरों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए मरीजों में पैनिक की स्थिति पैदा हो गई है. जितने भी मरीजों के फोन आ रहे हैं घबराए हुए रहते हैं. सभी को कहीं ना कहीं मन में यह डर है कि कहीं वे नए वेरिएंट से तो संक्रमित नहीं है. ऐसे में सबसे पहले हम लोग उन्हें शांत करते हैं और इसके बाद ही उनसे आगे की जानकारी लेते हैं.

Covid Mitra Covid Mitra
हाइलाइट्स
  • 24 घंटे किया जा रहा है इलाज

  • डॉक्टर्स द्वारा सबसे पहले मरीज की जानकारी ली जाती है

कोरोना की तीसरी लहर ने रफ्तार पकड़ ली है. दिन-ब-दिन ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत तो नजर नहीं आ रही है लेकिन मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है. वे मरीज जिन्हें कोरोना के हल्के लक्षण है या फिर जिन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं है, उन सभी को होम आइसोलेशन के जरिए ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. ऐसी में देश में कई ऐसे कॉविड हेल्पलाइन सेंटर्स खोले गए हैं जो कोविड-19 कॉल सेंटर के रूप में काम कर रहे हैं.

इसी के तहत दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल में भी इसी तरह का एक कोविड-19 हेल्पलाइन सेंटर खोला गया है. इस सेंटर की शुरुआत 8 जनवरी को हुई जिसका नाम ‘कोरोना मित्र’ हेल्पलाइन रखा गया है. 

कोरोना मित्र
कोरोना मित्र

24 घंटे किया जा रहा है इलाज

इस कोरोना मित्र हेल्पलाइन सेंटर पर आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑनलाइन ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. यह ये एक ऐसा सेंटर है जो 24 घंटे और सातों दिन काम कर रहा है. यहां पर आठ डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई है. यही टीम दिन रात फोन या वीडियो कॉल के जरिए मरीजों का इलाज कर रही है.

दिन रात आ रहे हैं कॉल्स

सीएमओ डॉक्टर ग्लैडबिन त्यागी ने बताया कि सेंटर पर दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. आपको बता दें, इन दोनों हेल्पलाइन नंबर पर दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर से दिन-रात फोन आ रहे हैं. एक दिन में करीब करीब सौ से भी ज्यादा कॉल्स यहां पर आते हैं. 

डॉक्टर्स की टीम कर रही है मरीजों का इलाज
डॉक्टर्स की टीम कर रही है मरीजों का इलाज

क्या है पूरी प्रक्रिया?

कॉल आते ही डॉक्टर्स द्वारा सबसे पहले मरीज की जानकारी ली जाती है. उसके बाद उनसे पूछा जाता है कि उन्हें किस तरह की तकलीफ हो रही है. अगर ज्यादा तकलीफ होती है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा जाता है और अगर संक्रमण हल्का होता है तो दवाई देकर ही इलाज किया जाता है. इसी बीच मरीज को सबसे पहले ही बोल दिया जाता है कि वे अपने परिवार से दूरी बना लें और खुद को आइसोलेट कर लें.

इलाज कर रहे डॉक्टर चक्रवर्ती का कहना है कि जितने भी मरीजों के फोन आ रहे हैं उन सभी में हल्के कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. ज्यादातर मरीजों को बुखार और गले में खराश जैसी शिकायतें आ रही है. 

24 घंटे किया जा रहा है इलाज
24 घंटे किया जा रहा है इलाज

फोन पर कर रहे हैं पैनिक

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए मरीजों में पैनिक की स्थिति पैदा हो गई है. जितने भी मरीजों के फोन आ रहे हैं घबराए हुए रहते हैं. सभी को कहीं ना कहीं मन में यह डर है कि कहीं वे नए वेरिएंट से तो संक्रमित नहीं है. ऐसे में सबसे पहले हम लोग उन्हें शांत करते हैं और इसके बाद ही उनसे आगे की जानकारी लेते हैं.