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पहली बार हुआ ये कमाल! मिर्गी के दौरे रोकने के लिए 13 साल के बच्चे के सिर में लगाई गई डिवाइस, जानें कैसे करती है काम

8 घंटे तक चली यह सर्जरी अक्टूबर में लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में एक परीक्षण के भाग के रूप में की गई थी. उस वक्त ओरान 12 वर्ष का था. ओरान नॉल्सन इस परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज बना गया है. 

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हाइलाइट्स
  • परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज

  • दिन में कई बार पड़ते थे मिर्गी के दौरे

मिर्गी के मरीजों के लिए ये खबर किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है. यूके के डॉक्टरों ने दुनिया में पहली बार ये कारनामा कर दिखाया है. यूके में एक 13 साल के बच्चे के दिमाग में ऐसा डिवाइस फिट किया गया है जोकि मिर्गी के दौरे को रोकने में 80 फीसदी तक कारगर है. इस डिवाइस का नाम Neurostimulator है जोकि दिमाग में सिग्नल भेजता है.

दिन में कई बार पड़ते थे मिर्गी के दौरे
ओरान नाम के 13 वर्षीय बच्चे को लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम Lennox-Gastaut syndrome है. ये मिर्गी का treatment-resistant है जो कि उसे तीन साल की उम्र में हुआ था. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तब से उसे रोजाना दौरे पड़ रहे हैं. उनकी मां जस्टिन ने बीबीसी को बताया कि ओरान को कई तरह के दौरे पड़े, जिनमें जमीन पर गिरना, जोर से हिलना और बेहोश होना भी शामिल है. कभी-कभी उसकी सांसें रुक जाती थीं और उसे होश में लाने के लिए इमरजेंसी पिल्स की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब सर्जरी की मदद से ओरान की जिंदगी पहले से बेहतर हो गई है.

परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज
8 घंटे तक चली यह सर्जरी अक्टूबर में लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में एक परीक्षण के भाग के रूप में की गई थी. उस वक्त ओरान 12 वर्ष का था. ओरान नॉल्सन इस परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज बना गया है. तब से लेकर आज ओरान के जीवन में बहुत कुछ अच्छे बदलाव हुए हैं. उसे दौरे भी कम आते हैं. वो अब अपनी पसंद की हर चीज कर पाता है.

कैसे काम करती है ये डिवाइस
न्यूरोसर्जन मार्टिन टिस्डल के नेतृत्व में टीम ने सर्जरी के दौरान ओरान के दिमाग में दो इलेक्ट्रोड डाले गए जब तक कि वे थैलेमस तक नहीं पहुंच गए, ये इलेक्ट्रोड न्यूरोस्टिम्यूलेटर से जुड़े थे. और इन्हें ओरान के स्कल में मौजूद एक खाली जगह में स्क्रू का उपयोग करके फिट किया गया था. इसे हेडफोन के जरिए रिचार्ज किया जा सकता है. एक बार जब वह सर्जरी से ठीक हो गया, तो इस डिवाइस को चालू कर दिया गया. पिकोस्टिम न्यूरोट्रांसमीटर यूके की कंपनी एम्बर थेरेप्यूटिक्स ने बनाया है.

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80 फीसदी तक कम हो सकते हैं मिर्गी के दौरे
Neurostimulator मरीज के मस्तिष्क में गहराई तक इलेक्ट्रकिल सिग्नल भेजता है. इस डिवाइस ने ओरान नॉल्सन के दिन के दौरे को 80% तक कम कर दिया है. इस डिवाइस की खास बात ये है कि जब यह चालू होता है, तो ओरान इसे महसूस नहीं कर सकता. परीक्षण के हिस्से के रूप में, लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम वाले तीन और बच्चों को डीप ब्रेन Neurostimulator लगाया जाएगा. मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिसमें दिमाग के अंदर असामान्य तरंगें उत्पन्न होने लगती हैं. मिर्गी के दौरे दिमाग में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के विस्फोट से शुरू होते हैं.