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Cancer Drug: दवा से ठीक हो गया महिला के तीसरे चरण का कैंसर, सिर्फ छह महीने खाई Medicine और हो गया चमत्कार

ब्रिटेन की रहने वाली कैरी डाउनी को एक साल पहले ही आंत के कैंसर का पता चला था. इसके बाद उन्हें छह महीनों तक डोस्टारलिमैब इन्फ्यूजन दिया गया. टेस्ट कराने पर पता चला कि उनका कैंसर पूरी तरह से ठीक हो चुका है. 

कैरी डाउनी ने दवा खाकर कैंसर को दी मात (फोटो सोशल मीडिया) कैरी डाउनी ने दवा खाकर कैंसर को दी मात (फोटो सोशल मीडिया)
हाइलाइट्स
  • कैरी डाउनी ने डॉक्टर और उनकी टीम को दिया धन्यवाद 

  • छह महीनों तक दिया गया था डोस्टारलिमैब इन्फ्यूजन 

कैंसर दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है. यह बीमारी जल्दी ठीक नहीं होती लेकिन एक चमत्कार देखने को मिला है. एक महिला का तीसरे चरण का कैंसर सिर्फ दवा खाकर ठीक हो गया है. जी हां, ब्रिटेन के वेल्स में रहने वाली एक महिला के साथ ऐसा हुआ, जिसके बारे में जानकर महिला खुद चकित रह गई. दरअसल, महिला तीसरे चरण के आंत कैंसर से ग्रस्त थी और एक नई दवाई के इस्तेमाल से ही वह पूरी तरह से ठीक हो गई. 

एक साल पहले चला था कैंसर का पता 
वेल्स की रहने वाली कैरी डाउनी ने महज छह महीने ही उस दवाई का सेवन किया था और इतने कम समय में ही उनका कैंसर पूरी तरह से गायब हो गया. 42 वर्षीय कैरी डाउनी को एक साल पहले ही कैंसर का पता चला था. इसके बाद उन्हें छह महीनों तक डोस्टारलिमैब इन्फ्यूजन दिया गया था. इसके बाद टेस्ट कराने पर पता चला कि उनका कैंसर पूरी तरह से ठीक हो चुका है. 

डोस्टारलिमैब क्या है
डोस्टारलिमैब इम्यूनोथेरेपी का एक रूप है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर को नष्ट करने में मदद करता है. हर्निया प्रत्यारोपण के कारण महिला को दर्द हो रहा था. जांच के दौरान डॉक्टरों को उनके कैंसर के बारे में मालूम पड़ा. उन्हें स्वानसी में सिंगलटन अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. क्रेग बैरिंगटन के पास भेजा गया. उन्होंने ही महिला को डोस्टारलिमैब निर्धारित किया था. छह महीने के लिए महिला डोस्टारलिमैब दिया गया.

कैरी बोलीं- मैं थक चुकी थी
कैरी डाउनी ने बताया, मैं थक चुकी थी. मेरे शरीर पर इधर-उधर दाने निकल गए थे. कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या सर्जरी के बजाय डोस्टारलिमैब इन्फ्यूजन से काफी फायदा हुआ. कैरी के लिए, कैंसर रोधी दवा को छह महीने तक लगातार सप्ताह में तीन बार अंतःशिरा के रूप में दिया जाता था. प्रगति देखने के लिए डॉक्टरों ने नियमित स्कैन भी किए. 

स्कैन से पता चला कि ट्यूमर काफी सिकुड़ गया था और अंत में पूरी तरह खत्म हो गया. कैरी डाउनी ने कहा कि मैं डॉ. बैरिंगटन और उनकी टीम का बहुत आभारी हूं. उन्होंने मुझे मेरा जीवन वापस दे दिया. पिछले साल 18 मलाशय कैंसर मरीजों को भी छह महीने यही दवाई दी गई थी. सभी मरीजों का कैंसर पूरी तरह खत्म हो गया.

आंत के कैंसर के पीछे ये हैं कारक
आंत कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर या पेट के कैंसर के रूप में भी जाना जाता है. कई कारणों से हो सकता है. ओल्ड ऐज फैक्टर सबसे बड़ा कारक है. ज्यादा वसायुक्त भोजन, रेड मीट, कम फाइबर वाले भोजन, प्रोसेस्ड मीट ज्यादा खाने से यह कैंसर हो सकता है. लंबे समय तक आंतों की बीमारी, स्मोकिंग और शराब का अधिक सेवन भी खतरनाक है. आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं. इस कैंसर के एक बार ठीक होने के बाद दोबारा सेल्स में ग्रोथ देखी जा सकती है.

आंत कैंसर होने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण 
1. आंत कैंसर के कारण मल में खून आने की समस्या हो सकती है.
2. रोगी को पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है.
3. कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याएं.
4. मलाशय में गांठ की समस्या.
5. एनीमिया की समस्या आंत कैंसर की शुरुआत में होती है.
6. पेशाब करते समय दर्द और पेशाब में खून आना.
7. सांस की तकलीफ.
8. अनपेक्षित रूप से वजन घटना.
9. बहुत अधिक थकान महसूस होते रहना.
10. मूत्र के रंग में परिवर्तन जैसे गहरा, जंग लगा रंग या भूरे रंग का पेशाब होना.

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