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अच्छा मौसम ही नहीं अपने साथ बीमारियां भी लेकर आता है मानसून... UTI कर सकता है आपको परेशान, पहले ही जान लें इससे बचने के उपाय

ह्यूमिड वातावरण में पसीने ज्यादा आते हैं. ऐसे में अगर आप कम पानी पीते हैं तो आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है. डिहाइड्रेशन में पेशाब कम आता है और बैक्टीरिया हमारे यूरिनरी ट्रैक्ट में लंबे समय तक रह सकते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

UTI during monsoon season (Representative Image/Getty Images) UTI during monsoon season (Representative Image/Getty Images)
हाइलाइट्स
  • व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें

  • साफ और सूखे कपड़े पहनें

मानसून अपने साथ बारिश और सुहावना मौसम लेकर आता है. लेकिन बारिश अपने साथ कई बीमारियां लेकर भी आती है. इस मौसम में बढ़ने वाले इन्फेक्शन में, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) सबसे कॉमन है. 

दरअसल, मानसून की बारिश माइक्रोबैक्टीरिया के लिए आदर्श परिस्थिति होती है. गर्मी और नमी में बैक्टीरिया और फंगी पनपती हैं. भारी बारिश से रुका हुआ पानी मच्छरों और दूसरे कीड़ों के लिए प्रजनन की जगह बन जाता है जो बीमारियां फैला सकता है. मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. अनुपमा सरदाना ने इंडियन एक्सप्रेस को यूटीआई के बारे में बताया. वह कहती हैं, "मानसून के दौरान उमस काफी ज्यादा होती है. इससे बैक्टीरिया  पैदा होते हैं.” 

यूटीआई क्या है?

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यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया, अक्सर पाचन तंत्र (digestive tract) से, पेशाब वाले मार्ग (urethra) से यूरिनरी सिस्टम में प्रवेश करते हैं और बढ़ने लगते हैं. यूरिनरी ट्रैक्ट में किडनी, ब्लैडर, युरेटर्स और यूरेथ्रा शामिल हैं. इन्फेक्शन आमतौर पर निचले यूरिनरी ट्रैक्ट में होता है. गंभीर मामलों में, अगर समय से ट्रीटमेंट न किया जाए, तो इंफेक्शन किडनी तक पहुंच सकता है. यूटीआई सबसे आम प्रकार के इन्फेक्शन में से एक है, जो विशेष रूप से पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है.

मानसून के दौरान इन्फेक्शन क्यों बढ़ता है?

मानसून के मौसम के दौरान यूटीआई के मामले बढ़ते हैं. इसके पीछे कई वजह हैं:

1. ह्यूमिडिटी: ह्यूमिड वातावरण में पसीने ज्यादा आते हैं. ऐसे में अगर आप कम पानी पीते हैं तो आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है. डिहाइड्रेशन में पेशाब कम आता है और बैक्टीरिया हमारे यूरिनरी ट्रैक्ट में लंबे समय तक रह सकते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

2. गीले कपड़े: बारिश और पसीने से गीले कपड़े जननांग (genital area) के आसपास बैक्टीरिया को पनपने के लिए वातावरण देते हैं. जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

3. खराब पानी: खराब स्वच्छता में और दूषित पानी आपके जेनिटल एरिया में जा सकता है, इससे इन्फेक्शन हो सकता है. 

यूटीआई के लक्षण

- पेशाब करते समय दर्द या जलन होना. 

- बार-बार पेशाब आना. 

- गहरे रंग का पेशाब आना. 

-थकान महसूस होना. 

- पेट के निचले हिस्से और पेडू में तेज दर्द।

- ज्यादा गंभीर मामलों में बुखार, मतली और उल्टी. 

यूटीआई का उपचार

यूटीआई की घटनाओं को कम करने के लिए रोकथाम सबसे अच्छा तरीका है- 

1. हाइड्रेटेड रहें: भरपूर पानी पीने से आपको अपने पेशाब वाले रास्ते से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है.

2. व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें: अपने प्राइवेट पार्ट्स को नियमित रूप से साफ पानी से धोएं. खासकर शौचालय का उपयोग करने के बाद, बैक्टीरिया के फैलने को रोकने में मदद मिलती है.

3. साफ और सूखे कपड़े पहनें: गीले कपड़ों को तुरंत बदलने और खुले हुए कपड़े पहनने से बैक्टीरिया नहीं बनते हैं. 

4. सुरक्षित पानी: पीने और खाना पकाने के लिए फिल्टर किए गए या उबले हुए पानी का उपयोग करें.

5. अच्छी बाथरूम की आदतें अपनाएं: बार-बार पेशाब करना और ब्लैडर को पूरी तरह से खाली करने से बैक्टीरिया पनपने की संभावना कम हो जाती है.