भारत में एक बार फिर से कोरोना का कहर बढ़ रहा है. वैसे तो तमाम दवा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन पहले ही बना चुकी हैं, लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट की वैक्सीन अभी तक कोई खास वैक्सीन नहीं बनी थी. हालांकि अब जल्द ही इस वेरिएंट के लिए भी वैक्सीन बनने की खबरें जोर पकड़ रही हैं.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अपने अमेरिकी साझेदार नोवा वैक्स के साथ मिलकर कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए वैक्सीन पर काम कर रहा है. माना जा रहा है कि ये वैक्सीन 6 महीने के अंदर ही शुरू हो जाएगी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने एक टीवी चैनल को बताया कि टीका ओमिक्रॉन स्ट्रेन के बीए 5 उप-संस्करण के लिए खासतौर पर बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि "यह टीका एक बूस्टर के रूप में महत्वपूर्ण है."
भारत के लिए एक ओमिक्रॉन-विशिष्ट वैक्सीन के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है, उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन हल्का नहीं है, जैसा कि आमतौर पर माना जाता है. उन्होंने आगे कहा कि, "हालांकि ये संस्करण इतना खतरनाक नहीं है, कि इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ें, लेकिन फिर भी ये शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है."
इस बीच, अमेरिकी कंपनी ने सोमवार को यूएस एफडीए से अपने प्रोटीन-आधारित कोविड वैक्सीन को वयस्कों पर इमरजेंसी इस्तेमाल करने के लिए अनुमति की मांग की है.