आजकल बहुत से लोगों को विटामिन डी की कमी की शिकायत है. इसके कई कारण हैं जैसे सुबह की धूप न ले पाना या फिर खान-पान की गलत आदतें. जिस कारण लोगों को विटामिन डी के लिए सप्लीमेंट्स लेने पड़ते हैं. लेकिन सप्लीमेंट्स से मिलने वाली विटामिन डी को कंट्रोल करना हमारे शरीर के लिए मुश्किल है इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही ये उचित मात्रा में लेने चाहिएं.
लेकिन आज इंटरनेट ने सबको डॉक्टर बना दिया है और हम खुद अपनी बीमारी का इलाज करने लगते हैं. इसलिए आजकल बहुत से विटामिन डी टॉक्सिसिटी, या हाइपरविटामिनोसिस डी के मामले सामने आ रहे हैं. यह एक गंभीर स्थिति जो शरीर में विटामिन डी की जरूरत से ज्यादा मात्रा होने के कारण होती है और यह हानिकारक है.
सेहत के लिए जरूरी है विटामिन डी
हमारी अच्छी सेहत के लिए विटामिन डी बहुत ज्यादा जरूरी है. इसकी कमी होने से आपको कैल्शियम का पूरा फायदा नहीं मिलता है. लेकिन इसकी एक संतुलित मात्रा ही हमें लेनी चाहिए. डॉक्टर्स का कहना है कि हर इंसान के ब्लड में 30 से 70 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर विटामिन डी होनी चाहिए.
ऐसे में अगर विटामिन डी की मात्रा आपके रक्त में 20 से 30 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर है तो इसका मतलब है कि आप में विटामिन डी की कमी है. लेकिन अगर यह मात्रा 20 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम और 70 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से ज्यादा हो तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. क्योंकि विटामिन डी की कमी या अधिकता, दोनों ही हानिकारक हो सकती हैं.
नहीं लेनी चाहिए ओवरडोज
अगर आपको विटामिन डी की कमी है तो सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. और अगर डॉक्टर आपको इसके सप्लीमेंट लेने के लिए कहते हैं तभी आपको ये लेने चाहिएं. लेकिन उतनी ही मात्रा में जितना कि डॉक्टर ने सुझाया है. क्योंकि विटामिन डी की अधिकता आपके लिए घातक साबित हो सकती है.
हाल ही में, सर गंगाराम अस्पताल में विटामिन डी की अधिकता के कारण एक व्यक्ति की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई. डॉक्टर ने उन्हें हफ्ते में एक बार विटामिन डी लेने के लिए कहा था लेकिन वह व्यक्ति हर रोज लेने लगा जिस कारण उनके ब्लड में क्रिएटिन और कैल्शियम की मात्रा बढ़ गई.
डॉक्टर्स का कहना है कि विटामिन डी की अधिक मात्रा होने से आपकी किडनी को नुकसान पहुंचता है. साथ ही आपको हाइपरकेलेसीमिया नामक दिल की बिमारी होने की संभावना रहती है. और कैल्शियम, फॉस्फेट की मात्रा बढ़ने से फेफडों में क्रिस्टल जमने की आशंका होती है. इसलिए भूल से भी विटामिन डी की ओवरडोज न लें.