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शरीर में Vitamin D की कमी को इन लक्षणों से करें पहचान

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य को इग्नोर करते जा रहे हैं. जिससे हमें कई शारीरिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है. अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि हम ध्यान रखें कि शरीर को सभी प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स मिल रहे हैं या नहीं. शरीर को स्वस्थ रखने में अन्य विटामिन के साथ-साथ विटामिन डी की भी अहम भूमिका होती है. ऐसे में हम आपको आज विटामिन डी के बारे में बताने जा रहे हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • विटामिन डी की कमी से हुई समस्या को इग्नोर करना पड़ सकता है भारी

  • सूरज की किरणों में विटामिन डी की पाई जाती है प्रचुर मात्रा

वैसे तो शरीर को हेल्दी रखने के लिए कई प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है, लेकिन महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ-साथ विटामिन डी की ज्यादा कमी होने लगती है. खासकर महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय बेहद ही ख्याल रखना होता है. अगर इस समय विटामिन डी की कमी हो जाए तो सिर्फ मां पर ही असर नहीं पड़ता बल्कि बच्चा पर भी इसका असर पड़ता है. अगर समय रहते विटामिन डी की कमी को पूरा नहीं किया गया तो यह सेहत पर बहुत बुरा असर डाल सकता है. यहां तक हार्ट अटैक और स्ट्रोक भी आ सकता है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि विटामिन डी की कमी जब शरीर में होती है तो उसको कैसे पहचाना जाए. साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि इसको कैसे दूर किया जा सकता है.

प्रेग्नेंसी के समय रहता है ज्यादा खतरा

विटामिन डी की कमी से शरीर को कैल्शियम नहीं मिल पाता है और इस वजह से हड्डियों और मांशपेशियों में दर्द की समस्या आने लगती है. तनाव महसूस होने लगता है. प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी से हार्ट फेल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है. इसके अलावा जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना, थकान और कमजोरी महसूस होना, इम्युनिटी कमजोर होना ये सब विटामिन डी के कमी के लक्षण हैं. अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिल लें. 

ये है विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत

विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स धूप है. इसलिए जब भी मौका मिले धूप में जरूर बैठें. इसके अलावा दूध, दही, मशरूम, चिकन, मछली अंडा, पीनट बटर और एवोकैडो में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. अगर आप शाकाहारी हैं तो दूध, दही और मशरूम का सेवन कर सकते हैं. वैसे आप भैंस के दूध का भी सेवन कर सकते हैं लेकिन गाय का दूध ज्यादा पैष्टिक माना गया है और संभव हो तो गाय के दूध का ही सेवन करें.