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Vitamin D: हमारे लिए बहुत ज्यादा जरूरी है विटामिन डी, नहीं तो बॉडी पर पड़ेगा यह असर

हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए, शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. हमारा शरीर भोजन से कैल्शियम को ठीक से अवशोषित करे, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का होना जरूरी है.

Vitamin D Vitamin D

हमारे शरीर में शरीर में विटामिन डी की कमी से बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. बहुत बार विटामिन डी की कमी हमारे लिए गंभीर परिणाम लेकर आती है. विटामिन डी की कमी पर आसानी से ध्यान भी नहीं जाता है क्योंकि लोग बहुत रेगुलरली इसका चेकअप नहीं कराते हैं. लेकिन शरीर को सहीं से फंक्शन करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. 

कितना विटामिन डी है जरूरी 
आपको प्रतिदिन विटामिन डी की कितनी मात्रा में जरूरत है, यह निर्धारित करने में आपकी उम्र एक महत्वपूर्ण कारक है। इंटरनेशनल यूनिट्स (IU) में, सुझाई गई मात्राएं हैं: 

  • जन्म से 12 महीने तक: 400 आईयू; 
  • 1 से 13 वर्ष तक: 600 आईयू; 
  • 14 से 18 वर्ष तक: 600 आईयू; 
  • 19 से 70 वर्ष तक: 600 आईयू; 
  • 71 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों के लिए: 800 IU 
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए: 600 IU

जिन लोगों को विटामिन डी की कमी का खतरा है, उन्हें इसकी ज्यादा जरूरत हो सकती है, इसलिए, आपका जांच कराना जरूरी है कि आपको कितनी मात्रा में विटामिन डी की जरूरत है. 

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कैल्शियम अवशोषण (Absorption) 
विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जब यह पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं होता है, तो शरीर खाने से कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर पाता है. कैल्शियम हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है. कम विटामिन डी स्तर से हड्डियों में दर्द, हड्डी टूटने, मांसपेशियों में दर्द और मांसपेशियों के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है.

बोन ग्रोथ 
विटामिन डी हड्डियों के निर्माण और पुनर्जीवन की संतुलित प्रक्रिया सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य और घनत्व को बनाए रखने के लिए जरूरी है. 

मसल्स फंक्शन  
हड्डियों के स्वास्थ्य और मांसपेशियों के कार्य का आपस में गहरा संबंध है. विटामिन डी दोनों के लिए जरूरी है. विशेष रूप से बुजुर्गों में, यह मांसपेशियों की ताकत और कार्यप्रणाली को बनाए रखते हुए फ्रैक्चर और गिरने के जोखिम को कम करता है. मजबूत मांसपेशियां हड्डियों को सपोर्ट देकर सामान्य आर्थोपेडिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करती हैं. 

बोन मिनरलाइजेशन
विटामिन डी की हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस के जमाव में भूमिका होती है, इस प्रक्रिया को अस्थि खनिजकरण (Bone Mineralization) के रूप में जाना जाता है। यह प्रक्रिया मजबूत और घनी हड्डियों के विकास और रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण है. पर्याप्त विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां नरम हो सकती हैं और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया और बच्चों में रिकेट्स जैसी स्थितियां हो सकती हैं. 

ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम 
ऑस्टियोपोरोसिस नामक विकार के कारण हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं. कमजोर हड्डियों का मुख्य कारण विटामिन डी की कमी है. उचित मात्रा में कैल्शियम अवशोषण और बोन मिनरलाइजेशन सुनिश्चित करके, विटामिन डी हड्डियों के घनत्व और मजबूती को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़े फ्रैक्चर और आर्थोपेडिक मुद्दों के जोखिम को कम किया जाता है.