दुनियाभर में हर दिन कई मामले हार्ट अटैक के सामने आ रहे हैं. जिसके चलते लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और लगातार टेस्ट करने की सलाह दी जा रही है. अब हाल ही में इसको लेकर एक स्टडी हुई है. इसमें सामने आया है की विटामिन-डी (Vitamin-D) से इस हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. इस स्टडी में पाया गया है कि विटामिन डी की डोज वृद्ध वयस्कों में हार्ट अटैक जैसी दिल की बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है. ये अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है.
विटामिन-डी सप्लीमेंट कर सकते हैं मदद
अब तक जितने भी शोध हुए हैं उसमें इसको लेकर कोई परिणाम नहीं मिले हैं कि आखिर हार्ट अटैक में विटामिन-डी की क्या भूमिका होती है. इसे लेकर जो स्टडी हुई है उसमें 60 से ऊपर की उम्र के लगभग 21,000 लोग शामिल थे. इन सभी लोगों को पांच साल तक हर महीने मुंह से विटामिन डी सप्लीमेंट या प्लेसिबो दिया गया था. जिसके बाद यह नोटिस किया गया कि विटामिन डी सप्लीमेंट दिल से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है. हालांकि, स्टडी में ये भी कहा गया कि इसे लेकर अभी और रिसर्च होना बाकी है.
हर साल करोड़ों लोग गवांते हैं अपनी जान
लगभग 1.7 करोड़ लोग हर साल दिल की बीमारियों (cardiovascular diseases) के कारण अपनी जान गंवाते हैं. इन्हें सीवीडी भी कहा जाता है ये दिल और खून से जुड़ा डिसऑर्डर होता है. कोरोनरी हार्ट डिजीज, रूमेटिक हार्ट डिजीज सीवीडी के कुछ उदाहरण हैं. युवाओं में दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट आम होता जा रहा है, खासकर कोविड के बाद के युग में, जहां किशोर और बिना ऐसे जोखिम वाले लोग भी इन दिल की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं.
विटामिन डी की है बड़ी भूमिका
दरअसल, विटामिन डी फैट में घुल सकता है. साथ ही ये कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फेट के अब्सॉर्प्शन में भी भूमिका निभाता है. विटामिन डी सूजन को भी कम करता है और सेल ग्रोथ, न्यूरोमस्कुलर और इम्यून फंक्शन और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में भूमिका निभाता है.
हालांकि, यह विचार नया नहीं है कि विटामिन डी हमारे दिल को स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. पुरानी कई रिसर्च और स्टडी से ये पता चला है कि जिन लोगों के खून में विटामिन डी का लेवल ज्यादा होता है उनमें दिल की बीमारी होने का जोखिम कम होता है. जो लोग बाहर व्यायाम करते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाते हैं उनमें विटामिन डी का लेवल उन लोगों की तुलना में बेहतर होने की संभावना अधिक होती है जो ऐसा नहीं करते हैं.