हाइलाइट्स
सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े पहनने से बचें
रोज नहाएं और शरीर को ठंडा रखें
गर्मियों का मौसम आ चुका है, इसी के साथ गर्मियों की दिक्कते भी होने लगी हैं. गर्मियों के दौरान लू लगना बहुत कॉमन प्रॉब्लम है. गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में बाहर जाने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बूढ़े और बीमार लोगों को लू लगने का खतरा ज्यादा होता है. लू लगने के बाद उसका इलाज कराने से बेहतर है कि हम पहले से ही उससे बचने के उपाय खोजें.
लू से बचने के ये हैं उपाय
- तेज गर्म हवाओं में बाहर निकलने से बचें. नंगे शरीर या नंगे पैर धूप में बाहर न निकलें.
- घर के बाहर पूरे और ढीले कपड़े पहनकर ही निकलें, जिससे शरीर में हवा लगती रहे.
- सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े पहनने से बचें. सूती कपड़े पहनें.
- कभी भी खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर तक भूखे रहने से बचें.
- धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें. आप सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर भी चल सकते हैं.
- चश्मा पहनकर ही बाहर जाएं. चेहरे को कपड़े से ढक कर रखें.
- ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी न पिएं. नॉर्मल पानी धीरे-धीरे करके पिएं.
- घर से पानी या कोई ठंडा शरबत जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शरबत आदि पीकर चलें.
- रोज नहाएं और शरीर को ठंडा रखें.
- बाजार से कटे हुए फल न खरीदें.
लू से बचने के लिए इन चीजों का करें सेवन
आयुर्वेद के अनुसार हम ठंडी तासीर या प्रकृति की चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म या चयापचय सिस्टम ठंडा होना शुरू हो जाता है, जिससे शरीर में ठंडक आने लगती है. ऐसे में-
- चावल, जौ का पानी, केला, छाछ, दही, लस्सी आदि लेने से शरीर को ठंडक मिलती है. दूध की लस्सी भी ले सकते हैं.
- कुछ सब्जियों का तासीर ठंडक देने वाली होती है. इनमें लौकी और तोरी सबसे ठंडी होती हैं. हालांकि कफ प्रकृति वालों को लौकी, तोरी या इसका जूस ज्यादा नहीं लेना चाहिए. खीरा और ककड़ी भी गर्मियों के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं
- आम और लीची के अलावा कुछ फलों से भी ठंडक मिलती है. मौसमी, संतरा, आडू, चेरी, शरीफा, तरबूज, खरबूजा जैसे फलों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.
- सौंफ, इलायची, कच्चा प्याज, आंवला, धनिया, पुदीना और हरी मिर्च की तासीर भी ठंडी होती है.
- ठंडाई, आम पना, शिकंजी, लस्सी, नारियल पानी आदि के साथ-साथ खस, ब्राह्मी,चंदन, बेल, फालसा, गुलाब, केवड़ा, सत्तू के शरबत आदि का सेवन करें.