हर कोई चाहता है कि उसका वजन कंट्रोल (Weight Control) में रहे. इसी को देखते हुए पिछले कुछ सालों में वजन घटाने वाली दवाओं ने मोटापे के इलाज में क्रांति ला दी है. खासकर अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में. ये दवाएं मोटापे से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए एक नई आशा की तरह हैं. हालांकि, ये दवाएं अभी भी भारत में कमर्शियल रूप से उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन जल्द ही भारत में भी इनकी बिक्री शुरू हो जाएगी.
भारत में टिरजेपेटाइड को मिल सकती है मंजूरी
हाल ही में भारत के ड्रग रेगुलेटर की एक एक्सेपर्ट कमिटी ने टिरजेपेटाइड दवा को मंजूरी देने की सिफारिश की है. एक बार इस सिफारिश की समीक्षा हो जाने के बाद, दवा को अंतिम मंजूरी मिल जाएगी. इसके बाद मैन्युफैक्चरर एली लिली (Eli Lilly) को भारतीय बाजार में प्रोडक्ट लॉन्च करने की अनुमति मिल जाएगी.
वजन घटाने में डायबिटीज की दवाओं की भूमिका
वजन घटाने वाली दवाओं की यात्रा डायबिटीज के इलाज वाली दवाओं से शुरू हुई थी. 2017 में, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने टाइप 2 डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए डेनिश फार्मा नोवो नॉर्डिस्क की दवा ओजेम्पिक को मंजूरी दी थी. दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टरों ने देखा कि ओजेम्पिक का उपयोग करने वाले मरीजों को साइड इफेक्ट के रूप में वजन घटने का अनुभव हुआ. इससे मोटापे के इलाज के लिए ओजेम्पिक का ऑफ-लेबल उपयोग शुरू हो गया.
ओजेम्पिक की सफलता के बाद, नोवो नॉर्डिस्क ने एक वजन घटाने वाली दवा के रूप में सेमाग्लूटाइड की खोज की. ये इस दवाई का एक कॉम्पोनेन्ट है. 2021 में, उन्होंने FDA-अप्रूव्ड ओबेसिटी ट्रीटमेंट वेगोवी (Wegovy) जारी किया. वेगोवी में ओजेम्पिक की तुलना में सेमाग्लूटाइड की हाई डोज होती है. इसे विशेष रूप से वजन घटाने के लिए डिजाइन किया गया है.
नवंबर 2023 में, एली लिली को टिरजेपेटाइड वाली वजन घटाने वाली दवा जेपबाउंड के लिए FDA की मंजूरी मिली. जेपबाउंड ने एली लिली की डायबिटीज की दवा का मोटापे के इलाज के लिए ऑफ-लेबल उपयोग शुरू किया. बता दें. जेपबाउंड और मौन्जारो दोनों में टिरजेपेटाइड होता है और दुनिया भर में इसकी काफी मांग है.
FDA गे चुका है मंजूरी
FDA ने वयस्कों में क्रोनिक वेट मैनेजमेंट के लिए वेगोवी (semaglutide) और जेपबाउंड (tirzepatide) दोनों को मंजूरी दे दी है. ये दवाएं 30 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले व्यक्तियों या 27 से 30 के बीच बीएमआई वाले लोगों को दी जाती हैं. दोनों दवाएं स्किन में इंजेक्शन से दी जाती हैं.
साइड इफेक्ट भी नहीं हैं कम
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जेपबाउंड के सबसे आम साइड इफेक्ट में दस्त, उल्टी, कब्ज, पेट दर्द, अपच, इंजेक्शन-साइट रिएक्शन, थकान, एलर्जी और बालों का झड़ना शामिल हैं. थायराइड कैंसर सहित थायराइड ट्यूमर का भी खतरा होता है.
अब भारत में टिरजेपेटाइड जैसी वजन घटाने वाली दवाओं की मंजूरी और शुरुआत मोटापे के इलाज में एक बड़ा कदम है.