scorecardresearch

बच्चे की हाइट कम बढ़ रही है तो हो सकता है ये कारण, जानिए ऐसे में आपको क्या करना है

किसी इंसान की हाइट सामान्य रूप से कम है तो इसके पीछे का क्या कारण हो सकता है इस विषय पर सर गंगा राम अस्पताल ने शोध किया है. शोध में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. साथ ही बताया गया है कि अगर किसी बच्चें की हाइट सामान्य रूप से कम बढ़ रही है तो उसके माता पिता को क्या करना चाहिए.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • 10 महीने से 16 साल तक की उम्र के बच्चों पर किया गया शोध

  • हाइट का लम्बा या छोटा होने का मुख्य कारण जेनेटिक होता है

हाइट का उतार-चढ़ाव सामान्य रूप से परिवार से मिले जीन्स से होता है, लेकिन असामान्य रूप से छोटी हाइट का कारण बच्चे के जीन में बदलाव हो सकता है. जिसका बहुत बड़ा असर हाइट पर पड़ता है. ऐसे बच्चे जिनके परिवार में असामान्य रूप से छोटी हाइट हो या असामान्य छोटी हाइट का कोई कारण पता नहीं हो उनके लिए Exome Sequencing Test द्वारा कारण का पता लगाया जा सकता है. ऐसे बच्चे जिनमें हाइट के साथ-साथ शरीर का भी धीमी गति से विकास का कारण नहीं पता चलता है, उनमे Micro Array Test से कारण का पता लगाया जा सकता है. सर गंगा राम अस्पताल के इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेनेटिक्स एन्ड जेनोमिक्स के द्वारा हाल ही में असामान्य रूप से छोटी हाइट के बच्चों पर एक शोध किया गया.

455 बच्चों पर किया गया शोध

यह अध्ययन ऐसे 455 बच्चों पर किया गया जो सर गंगा राम अस्पताल में 1 जनवरी 2017 से 31 अक्टूबर 2018 के बीच आए. शोध में शामिल बच्चों की उम्र 10 महीने से 16 वर्ष तक की थी और हाइट 3rd Centile यानी कि 100 में से सिर्फ 3 से कम बच्चे इस बच्चे से छोटे थे, से कम थी. इस स्टडी को 15 जून के "इंडियन पीडियाट्रिक्स (Indian Pediatrics)' संस्करण में में प्रकाशित किया गया. डॉ. रत्ना दुआ पुरी, चेयरपर्सन, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स, सर गंगा राम अस्पताल के कहती हैं कि इस शोध में हमने ऐसे बच्चे, जिनमें अन्य कारणों के अलावा हाइट का असामान्य रूप से छोटा रहना एक कारण था उनमे जेनेटिक कारण पता लगाने की कोशिश की. 

डॉ. रत्ना दुआ पुरी ने आगे कहा, "किसी भी इंसान में हाइट का लम्बा या छोटा होने का मुख्य कारण जेनेटिक होता है. हालांकि बहुत सारे ऐसे Monogenic Disorder (एक जीन में खराबी के कारण परिवार से मिली जेनेटिक बीमारी) है जिसकी वजह से शरीर की वृद्धि (growth) में गड़बड़ी आ जाती है. उन्होंने कहा कि हमारी स्टडी में यह पाया गया कि ठीक से किए गए क्लीनिकल एग्जामिनेशन (लक्षण एवं शारीरिक परिक्षण) के द्वारा इनके कारणों का पता लगाया जा सकता है. स्टडी में 65% बच्चों में असामान्य छोटी हाइट का कारण क्लीनिकल  एग्जामिनेशन द्वारा पता लगा लिया गया. बाकियों में उनके क्लीनिकल प्रोफाइल के हिसाब से अतिरिक्त जेनेटिक टेस्ट कराए गए."  

शोध में ये बातें आई सामने

इनमें से 226 मरीजों को डिटेल्ड जेनेटिक टेस्टिंग (detailed genetic testing) एवं फेनोटाइपिंग (phenotyping) से कारणों की जांच की गई जबकि 229 मरीजों में प्रारंभिक हिस्ट्री, शारीरिक जांच एवं टेस्ट द्वारा छानबीन की गई. इनमे से 63% (142) में proportionate छोटा कद (शरीर के ऊपरी एवं निचले हिस्से असामान्य रूप से छोटे) पाया गया. जिसमे से 65% (93) को जानी पहचानी जेनेटिक बीमारियां पायी गई जैसे की टर्नर सिंड्रोम (Turner Syndrome), विलियम सिंड्रोम (William Syndrome) एवं रासओपेथीज़ (RASopathies) आदि. 226 में से बाकी बचे 84 बच्चे (37%) में disproportionate छोटा कद (शरीर के ऊपरी एवं निचले हिस्से में से एक असामान्य रूप से छोटा) पाया गया. इनमे से 45% (38) में lysosomal storage genetic disorder पाया गया. 44% (37) बच्चों में Skeletal Dysplasias पाया गया. 8% (9) बच्चों में कारण नहीं पता चला.   

माता पिता क्या करें

डॉ. रत्ना दुआ पुरी ने कहा, अगर परिवार के अंदर बच्चे में असामान्य रूप से लंबाई छोटी हो और शरीर का विकास धीमी गति से हो रहा हो तो मेडिकल एक्सपर्ट की राय लेना बहुत आवश्यक है. आजकल जेनेटिक फील्ड में कई नए टेस्ट आ चुके हैऔर इनकी कीमत भी गिर चुकी है. सही जेनेटिक सलाह एवं जांच से कारणों का पता चल सकता है और इलाज की शुरुआत की जा सकती है.