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Adenovirus Symptoms: कोलकाता में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से पांच बच्चों की मौत, एडिनोवायरस होने ही आशंका, जानिए लक्षण

पश्चिम बंगाल में Adenovirus का कहर बढ़ रहा है. अब तक पांच बच्चों की मौत Respiratory Infection से हुई है. हालांकि, अभी तक एडिनोवायरस की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन आशंका पूरी है.

Representational Image (Photo: Unsplash) Representational Image (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चों को है ज्यादा खतरा 

  • सर्दियां जाते समय ज्यादा एक्टिव होता है एडिनोवायरस

पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले 24 घंटों में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) के कारण कम से कम पांच बच्चों की मौत हो गई है. जिससे राज्य में एडिनोवायरस के बढ़ते मामलों की आशंका बढ़ गई है. हालांकि, राज्य में डॉक्टर इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि क्या मौतें संक्रमण के कारण हुई हैं. 

सांस से जुड़े संक्रमण का कारण है एडिनोवायरस 
एडिनोवायरस आमतौर पर बच्चों में श्वसन (Respiratory) और आंत्र पथ (Intestinal Tract) में संक्रमण का कारण बनता है. डॉक्टरों ने कहा कि 0-2 साल की उम्र के बच्चों को संक्रमण के लिए सबसे कमजोर माना जाता है, 2-5 साल की उम्र और 5-10 साल के बच्चों को संक्रमित होने की संभावना होती है.

डॉक्टरों का कहना है कि 10 साल से ऊपर के बच्चे वायरस के प्रति कम संवेदनशील होते हैं. हालांकि, ऐसे मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि आप घर पर ही इन्हें मैनेज कर सकते हैं. आपको बता दें कि एडिनोवायरस आमतौर पर श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे कॉमन कोल्ड, कंजक्टीवाइटिस, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बनता है.

5 साल से कम उम्र के बच्चों को है ज्यादा खतरा 
सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को एडिनोवायरस से संक्रमण का ज्यादा खतरा है. इन बच्चों में एडिनोवायरस मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के माध्यम से संक्रमण का कारण बनता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, एडिनोवायरस सालभर में किसी भी मौसम में संक्रमित कर सकता है. लेकिन सर्दियां जाते समय यह ज्यादा एक्टिव होता है और सबसे ज्यादा फैलता है. 

ये हैं लक्षण
बात अगर एडिनोवायरस के लक्षणों की करें तो इस वायरस से संक्रमित होने पर जुकाम, बुखार, निमोनिया, लाल आंखें, उल्टी या मितली, पेट में जलन, खराब गला और फ्लू जैसे लक्षण दिख सकते हैं. आपको बता दें कि यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में आने से फैलता है. इसलिए अपने बच्चों को बहुत ज्यादा ध्यान रखें. 

बताया जा रहा है कि जिन पांच बच्चों की मौत हुई, उनमें से दो का कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा था, जबकि तीन अन्य का इलाज डॉ बी सी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज में चल रहा था.