देश में कोरोना की तीसरी लहर धीरे-धीरे दम तोड़ रही है. और इस कारण केंद्र सरकार ने बहुत से प्रतिबंधों को हटा दिया है. जिम, शॉपिंग मॉल से लेकर बच्चों के स्कूल, कॉलेज और बड़ों के दफ्तर तक सामान्य तरीकों से खुलने लगे हैं. लोग राहत की सांस ले रहे हैं और इसी बीच महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर के वसई विरार इलाके में बर्ड फ्लू के मामले सामने आये हैं.
शनिवार को यह जानकारी दी गई. एक पक्षी चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि एक मुर्गी पालन केंद्र (पोल्ट्री फार्म) की कुछ मुर्गियां मृत मिली थीं और फिर उनके सैंपल (नमूनों) को जांच के लिए भेजा गया था. जांच के बाद आई रिपोर्ट में मुर्गियों के H5N1 वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि घबराने की या पैनिक करने की जरूरत नहीं है. लेकिन सबको अलर्ट रहने की और खुद का बचाव करने की आवश्यकता है.
क्या होता है बर्ड फ्लू:
एवियन इन्फ्लुएंजा को आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ के नाम से जाना जाता है. यह एवियन (पक्षी) इन्फ्लुएंजा (फ्लू) टाइप ए वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है. यह वायरस आमतौर पर जंगली जलीय पक्षियों (Wild Aquatic Birds) में होता है और घरेलू मुर्गी, अन्य पक्षियों और जानवरों को संक्रमित कर सकता है.
बर्ड फ्लू से इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं. इसलिए इसके प्रसार को रोकना आवश्यक होता है. बताया जाता है कि इन्फ्लुएंजा के 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं. और इनमें से पांच- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2 जानलेवा साबित हो सकते हैं.
इंसानों में बर्ड फ्लू का संक्रमण पक्षियों और जानवरों से ही फैलता है. बहुत ही कम मामले सामने आये हैं जब किसी एक इंसान से दूसरे इंसान को संक्रमण हुआ हो. लेकिन सावधानी बरतना बहुत ही जरुरी है.
इंसानों में कैसे फ़ैल सकता है बर्ड फ्लू:
अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के ज्यादा संपर्क में रहे तो उन्हें बर्ड फ्लू का संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा, बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों का मीट (कच्चा मांस) खाने से भी यह फैलता है.
क्या हैं इसके लक्षण:
बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं. लेकिन इसमें लोगों को सांस लेने में दिक्क्त हो सकती है और हर समय उन्हें लगता ही कि जैसे उन्हें उल्टियां आ रहीं हैं. इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण हैं:
कई बार बर्ड फ्लू के कारण जानलेवा बीमारियां इंसान को हो सकती हैं जैसे निमोनिया, पिंकआई (आंख में कंजंक्टिवाइटिस), रेस्पिरेटरी फेलियर, किडनी डिसफंक्शन, और हार्ट प्रॉब्लम आदि.
कैसे करें बचाव:
कहते हैं कि इलाज से बेहतर है बचाव. तो इसलिए आपको भी किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में काम करना चाहिए. किसी बीमारी का इलाज क्या होगा इससे पहले हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि बीमारी से खुद को बचाया कैसे जाये.
और इसके लिए आपको बस इन बातों का ध्यान रखना है:
हालांकि, अगर आपने किसी राज्य या शहर के ऐसे हिस्से में यात्रा की है जहां बर्ड फ्लू के मामले मिले हैं और यात्रा के बाद आपको बुखार, खांसी, या शरीर में दर्द की शिकायत हो रही है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही, बर्ड फ्लू से संक्रमित मरीज को सबसे अलग रहने की सलाह दी जाती है.