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Panic Attack: क्या होता है पैनिक अटैक, क्यों आता है, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय 

Panic Attack Symptoms: पैनिक अटैक कहीं भी, कभी भी और किसी को आ सकता है. यह व्यक्ति की स्थिति और उसके इमोशंस पर निर्भर करता है. यदि व्यक्ति अधिक डरा हुआ रहता है तो उससे इस परेशानी के होने की ज्यादा संभावना है. 

Panic Attack Panic Attack
हाइलाइट्स
  • पैनिक अटैक इमोशंस से जुड़ी हुई एक बीमारी है

  • डायबीटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज होते हैं अधिक शिकार

इन दिनों खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों के गिरफ्त में आ रहे हैं. आजकल पैनिक अटैक भी एक तेजी से बढ़ती बीमारी साबित हो रही है. पैनिक अटैक इमोशंस से जुड़ी हुई एक बीमारी है. यह एक ऐसी स्थिति है, जो व्यक्ति के मन में मौत का डर भर देती है. कभी-कभी कुछ लोगों पर यह भय इस कदर हावी हो जाता है कि उन्हें ऐसा लगता है कि वह मारने वाले हैं या उन्हें दिल का दौरा पड़ा है. 

असल कारणों का नहीं लग पाया है पता 
पैनिक अटैक का समय वैसे तो 5 से 20 मिनट होता है लेकिन कई बार ये लगातार आ सकता है. मेडिकल की दुनिया में अभी भी पैनिक अटैक के असल कारणों का पता नहीं लग पाया है. इसके लिए जेनेटिक, मेडिकल या बाहरी फैक्टर्स बड़ा कारण हो सकते हैं. पैनिक अटैक एंग्जाइटी से जुड़ा हो सकता है. अक्सर यह डायबीटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों में देखने को मिल सकता है. ऐसे में आप कुछ आसान टिप्स की मदद से पैनिक अटैक आने पर पीड़ित व्यक्ति की मदद कर सकते हैं.

कहीं भी हो सकता है पैनिक अटैक 
पैनिक अटैक कहीं भी, कभी भी और किसी को हो सकता है. यह व्यक्ति की स्थिति और उसके इमोशंस पर निर्भर करता है. यदि व्यक्ति अधिक डरा हुआ रहता है तो उससे इस परेशानी के होने की अधिक संभावना है. परिवार में यदि पीढ़ी दर पीढ़ी यह बीमारी चली हो रही है तो अधिक संभावना है कि आप भी इसकी चपेट में आ जाएं. बार बार पैनिक अटैक आने से न्यूरोलॉजिकल बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसका असर दिल और दिमाग दोनों पर पड़ता है. 

पैनिक अटैक के लक्षण 
1. शरीर में कंपकंपी होना. बेहोशी आना. 
2. डर का अहसास होना. 
3. धड़कनों का बढ़ जाना. 
4. दम घुटने जैसा महसूस होना. 
5. पूरी बॉडी में कंपन्न महसूस होना.
6. सीने में दर्द और बैचेनी होना. 
7. हार्ट अटैक जैसे लक्षण दिखने लगना. 
8. सांस की स्पीड बढ़ जाना. 
9. उल्टी और लूज मोशन जैसी समस्या होना. 
10. तेज गर्मी महसूस करना.

क्या है कारण 
1. कई मामलों में यह देखा गया है कि पैनिक अटैक आनुवंशिक कारणों से होते हैं.
2. किसी भी चीज का तनाव होना.
3. किसी कारण से भय का हावी होना
4. शराब या ड्रग्स का अत्यधिक सेवन.
5. जरूरत से ज्यादा कैफीन पीने की आदत.
6. दवाइयों का सेवन.
7. जीवन में घटी कोई दर्दनाक घटना.
8. दिमाग संबंधी कोई समस्या.
9. ऐसे लोग जो स्वभाव से बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं. उनमें पैनिक अटैक के मामले अक्सर देखे जा सकते हैं. 

पैनिक अटैक आने पर क्या करें
1. यदि आपको पैनिक अटैक आया है, तो खुद को समझाएं कि यह खतरनाक नहीं है. खुद से या जिसे समस्या है उनसे बात करना शुरू करें. समझाएं कि यह स्थिति कुछ देर की एंग्जाएटी है. आप इसे रोक सकते हैं.
2.  नाक के माध्यम से जितना हो सके धीरे-धीरे और गहरी सांस लें. 
3. मुंह से धीरे-धीरे और गहरी सांस छोड़ें. 
4. आंखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. 
5. पैनिक अटैक आने पर व्यक्ति के हाथ-पैर पर पानी डालें. चेहरे और गर्दन को ठंडा पानी से धोएं. 

ग्राउंडिंग तकनीक का करें इस्तेमाल
पैनिक अटैक आने पर किसी व्यक्ति को शांत करने के लिए सभी पांच इंद्रियां मदद करती हैं. ऐसे में आप ग्राउंडिंग तकनीकी का मदद ले सकते हैं. 5-4-3-2-1 यह एक सामान्य ग्राउंडिंग तकनीक है, जिसमें आप व्यक्ति से पांच चीजों को सूचीबद्ध करने के लिए कह सकते हैं. आप उनसे 5 ऐसी चीजों के बारे में पूछ सकते हैं, जिसे वह देख सकते हैं. चार ऐसी चीजें, जिसे वह छू सकते हैं. तीन ऐसी चीजें, जिसे वह सुन सकते हैं. दो चीजें जिसे वह सूंघ सकते हैं और एक चीज जिसे वह चख सकते हैं. यह तकनीक इसलिए कारगर है, क्योंकि आपके इन सवालों का जवाब देने के लिए उनका मन और विचार सवालों पर केंद्रित हो जाएगा, जिससे उन्हें अटैक से राहत मिलेगी.

कब जाएं डॉक्टर के पास
यदि आप लगातार तनावग्रस्त और चिंतित महसूस करते हैं, खासतौर पर इस बारे में कि आपका अगला पैनिक अटैक कब हो सकता है, तो आपको पैनिक डिसऑर्डर हो सकता है. जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें. और अपनी स्थिति को बेहतर तरीके से समझें.