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Cancer Bubble Treatment: क्या है बबल ट्रीटमेंट, जिससे लिवर कैंसर का जानलेवा दर्द होगा कम, FDA ने दी मंजूरी 

Cancer Bubble treatment: हिस्टोट्रिप्सी एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जिसमें लिवर कैंसर के इलाज के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है. ये ध्वनि तरंगें टार्गेटेड टिश्यू के अंदर छोटे गैस बुलबुले बनाती हैं.

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हाइलाइट्स
  • लिवर कैंसर तक ही सीमित नहीं है हिस्टोट्रिप्सी 

  • ध्वनि तरंगों का किया जाता है इस्तेमाल 

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जिसके ट्रीटमेंट में मरीजों को बेइंतहा दर्द झेलना होता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक नया ट्रीटमेंट खोजा है जिससे इस दर्द को कम किया जा सकता है. हाल ही में बबल ट्रीटमेंट को FDA ने मंजूरी दी है. हम अक्सर सुनते हैं कि खून में बबल बन जाना एक मेडिकल इमरजेंसी है, लेकिन ये बबल कैंसर से लड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं.  मिशिगन यूनिवर्सिटी में लिवर कैंसर के लिए बबल से जुड़ा हिस्टोट्रिप्सी (histotripsy) नाम का एक ट्रीटमेंट खोजा गया है. जो कई हद तक कैंसर के जानलेवा दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. 

ध्वनि तरंगों का किया जाता है इस्तेमाल 

दरअसल, हिस्टोट्रिप्सी एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जिसमें लिवर कैंसर के इलाज के लिए ध्वनि तरंगों (sound waves) का उपयोग किया जाता है. ये ध्वनि तरंगें टार्गेटेड टिश्यू के अंदर छोटे गैस बुलबुले बनाती हैं. जब ये बुलबुले फूटते हैं, तो वे शॉकवेव्स छोड़ते हैं जो प्रभावी रूप से कैंसरग्रस्त मास (cancerous masses) को तोड़ सकते हैं और कैंसर सेल्स को मार सकती हैं. यह एक बिना दर्द पहुंचाने वाला ट्रीटमेंट ऑप्शन माना जा रहा है. इससे लिवर कैंसर के रोगियों का इलाज बिना दर्द पहुंचाए किया जा सकता है. 

लिवर कैंसर तक ही सीमित नहीं है हिस्टोट्रिप्सी 

इस ट्रीटमेंट को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने हाल ही में मंजूरी दी है. इस ट्रीटमेंट को मार्किट में एडिसन सिस्टम के रूप में जाना जा रहा है. हिस्टोट्रिप्सी केवल लीवर कैंसर तक ही सीमित नहीं है. फोकस्ड अल्ट्रासाउंड फाउंडेशन के अनुसार, इसमें किडनी कैंसर, सॉफ्ट टिश्यू  ट्यूमर और ऑस्टियोसारकोमा के इलाज की भी क्षमता है. इस ट्रीटमेंट ने कैंसर के इलाज के लिए नए रास्ते खोले हैं. 

लिवर कैंसर के बढ़ रहे हैं मामले 

बताते चलें दुनियाभर में कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. केवल अमेरिका में ही इस साल अनुमानित 41,210 वयस्कों में लिवर कैंसर के मामले देखे गए हैं. हालांकि, यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है. वैश्विक स्तर पर देखें तो 2020 में दुनिया भर में 905,000 से अधिक लोगों में लिवर कैंसर का पता चला था. यह वर्तमान में दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है.

हालांकि, मेडिकल टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति की वजह से लीवर कैंसर से बचने की दर में काफी सुधार हुआ है. पिछले 40 साल में, ये आंकड़ा बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया है.