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What is Couples Therapy: पार्टनर के साथ आपका रिश्ता मजबूत करती है कपल्स थेरपी, जानिए इसके बारे में

What is Couples Therapy: कपल्स थेरेपी मनोचिकित्सा का एक रूप है जो आपके और आपके साथी के रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है

Couples Therapy Couples Therapy

आज के जमाने में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर स्यूडोलाइफ या झूठी जिंदगी जीते हैं. जहां हम हर समय एक-दूसरे को बेस्ट दिखाने की कोशिश करते हैं, वहां ओपन रहना और बिना किसी जजमेंट के खुद के जैसा रहना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में, थेरेपी आपके लिए एक सेफ स्पेस होती है जहां कोई भी खुल कर अपने मन की बात कह सकता है.

इसलिए, हेल्दी रिलेशनशिप्स को बनाए रखने के लिए, कपल्स थेरेपी को एक अच्छा विकल्प माना जाता है. इसके बारे में हाल ही में नेटफ्लिक्स पर तमिल फिल्म इरगापात्रु में बात की गई थी, जिसमें एक मैरिज काउंसलर, उनके क्लाइंट्स जो थेरेपी का विकल्प चुनते हैं, और इसकी बारिकियों के बारे में बात की गई है. 

क्या होती है कपल थेरेपी
थेरेपी शब्द से आप समझ गए होंगे कि इसमें किसी एक्सपर्ट की मदद से किसी परेशानी को हल करने की बात हो रही है. अब कपल्स थेरेपी पर फोकस करें तो यह एक तरह से आपके और आपके पार्टनर के रिलेशन को अच्छा और मजबूत बनाने में मदद करती है. कपल्स थेरेपी रिश्ते को बेहतर ढंग से समझने और एक-दूसरे के साथ अच्छा रिश्ता विकसित करने में मदद करती है. इसमें सिर्फ किसी एक इंसान या पार्टनर पर नहीं बल्कि पति-पत्नी, दोनों पर फोकस किया जाता है. काउंसलर उन दोनों की बातें सुनते हैं और उन दोनों के बीच बेहतर कम्यूनिकेशन को सपोर्ट करते हैं ताकि वे अपने बीच की मुश्किलों को बात करके हल कर सकें.  

जरूरी नहीं कि कपल्स थेरेपी सिर्फ तब ली जाए जब किसी जोड़े के बीच लड़ाई-झगड़े हों. कोई भी कपल यह थेरेपी ले सकता है क्योंकि समय-समय पर ऐसे सेशन लेने से हेल्दी कम्यूनिकेशन बढ़ता है जिससे पार्टनर्स ज्यादा बेहतर ढंग से एक-दूसरे को समझते हैं. यह आपकी उन आदतों को सामने लेकर आता है जिनकी वजह से आगे चलकर आपके बीच दरार आ सकती है.

हेल्दी कम्यूनिकेशन बनाने के अलावा, कपल थेरेपी पार्टनर्स के बीच में भरोसा बढ़ाती है. थेरेपी में शामिल लोग एक-दूसरे के साथ पूरी तरह से खुलकर बात करने से नहीं कतराते हैं. थेरेपी ऐसा सेफ स्पेस है जहां आप अपने रिश्ते के कमजोर पॉइंट्स पर बात कर सकते हैं, इसमें कपल्स अपनी डार्क साइड के बारे में बात कर सकते हैं. कम्यूनिकेशन के बेकार पैटर्न को खत्म करके एक-दूसरे को सुनते हैं, समझते हैं. 

यह कैसे काम करता है और क्यों जरूरी है
क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक कामना छिब्बर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फोकस कम्यूनिकेशन, बातचीत के पैटर्न, वैल्यू सिस्टम, गोल्स और जीवन के लिए दृष्टिकोण पर होता है. आपसी समझ बनाने, एक-दूसरे के भावनात्मक अनुभवों, अपेक्षाओं को समझने और जरूरतों पर प्रतिक्रिया देने पर जोर दिया जाता है. इसके लिए अलग-अलग तकनीकों, स्ट्रेटजी और अप्रेच का उपयोग किया जाता है. 

एक थेरेपिस्ट के मार्गदर्शन से, आप आपसी लक्ष्यों को स्पष्ट कर सकते हैं, अपनी अपेक्षाओं को तय कर सकते हैं. थेरेपी में शामिल लोग यह जान लेते हैं कि कैसे निष्पक्ष रूप से लड़ना है, लड़ाई भी हो तो प्यार से बात करनी है. कई बार असहज होते हुए भी, कपल थेरेपी रिश्ते में विश्वास लेकर आती है, आपसी सम्मान और उद्देश्य को गहरा करती है. रिश्तों को जीवंत बनाए रखने के लिए, अंधेरे कोनों को रोशन करने और बदलाव के लिए खुद को समर्पित करना पहला स्टेप है और इसके लिए हमें साहस करना होगा. कपल थेरेपी सिर्फ कलह का इलाज नहीं है, बल्कि एक लविंग और ज्यादा समझ वाला बॉन्ड बनाने की दिशा में एक सक्रिय कदम है.