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4 साल में तेजी से बढ़े डायबिटीज के मरीज: टाइप 1 और 2 डायबिटीज में क्या है फर्क, शुगर हो तो किन बातों का रखें ख्याल, जानिए

हमारी एक अरब और कुछ करोड़ की आबादी में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और ये आंकड़ा महज 4 सालों में 7 करोड़ से 10 करोड़ के ऊपर निकल चुका है. इतना ही नहीं ICMR की स्टडी की मानें तो देश में इस वक्त 13 करोड़ मरीज प्री डायबिटीक हैं.

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हाइलाइट्स
  • 4 साल में तेजी से बढ़े डायबिटीज के मरीज

  • डायबिटीज से किन किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है

डायबिटीज सेहत के लिए हमेशा एक बड़ा चैलेंज रही है लेकिन पिछले 4 सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में चौंकाने वाला उछाल आया है. 2019 में 7 करोड़ लोग ऐसे थे जो मधुमेह की बीमारी के शिकार थे लेकिन महज 4 सालों बाद देश में शुगर के मरीजों की संख्या 10 करोड़ के पार जा चुका है. जाहिर है चुनौती बड़ी है और सवाल है कि डायबिटीज को कैसे काबू में किया जाए क्योंकि मधुमेह केवल बीमारी नहीं है, बल्कि तमाम बीमारियों की वजह है. हमारी एक अरब और कुछ करोड़ की आबादी में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और ये आंकड़ा महज 4 सालों में 7 करोड़ से 10 करोड़ के ऊपर निकल चुका है. इतना ही नहीं ICMR की स्टडी की मानें तो देश में इस वक्त 13 करोड़ मरीज प्री डायबिटीक हैं.

चार साल में क्यों तेजी से बढ़े डायबिटीज के मरीज 
पिछले तीन सालों में देश ही नहीं दुनिया ने भी बहुत कुछ झेला है. कोरोना ने लोगों के सेहत का गुणा गणित बदल दिया है. जरुरत से ज्यादा केयर और बेमतलब दवाईयों ने सेहत का हिसाब किताब बिगाड़ा है. 

डाइबिटीज को लेकर ICMR रिपोर्ट के मुताबिक गोवा देश का ऐसा राज्य है, जहां डायबिटिक और प्री-डायबिटिक लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. पुड्डुचेरी, केरल, चंडीगढ़, दिल्ली और तमिलनाडु में भी डायबिटीज एक बड़ी समस्या बनकर सामने आया है. बंगाल, सिक्किम, पंजाब और हरियाणा में भी डायबिटीज के मरीजों की बढ़ती संख्या चौंकाने वाली है.

डायबिटीज से किन किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है

डायबिटीज होने पर सबसे ज्यादा खतरा हार्ट डिजीज का बढ़ जाता है. अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो उसे दिल का दौरा या हार्ट स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है. हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल लेवल और मोटापे का भी डायबिटीज से संबंध है.

प्री-डायबिटीज क्या है

प्री-डायबिटीज वो स्थिति है, जब ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा होता है लेकिन इतना ज्यादा नहीं होता कि उसे टाइप-2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके.

क्या है टाइप 1 डायबिटीज

टाइप-1 डायबिटीज आम तौर पर अनुवांशिक होती है. यानी परिवार में अगर किसी को शुगर की बीमारी रही हो तो ऐसे व्यक्ति में इस बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.

टाइप 2 डायबिटीज क्या है

गलत लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण अगर किसी को डायबिटीज होता है तो इसे टाइप 2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है.

डायबिटीज हो जाओ तो किन बातों का ख्याल रखें

  • डायबिटीज को हेल्दी खानपान और अच्छी आदतों की मदद से नियंत्रण में लाया जा सकता है.

  • सुबह का नाश्ता पौष्टिक और स्वस्थ होना चाहिए.

  • अल्होकल से एकदम परहेज कर लें.

  • डायबिटीज के रोगियों को ओवरइटिंग से बचना चाहिए.

  • कई लोगों को इंसुलिन भी दी जाती है.