दुनिया में हर किसी के अपने डर होते हैं किसी को अंधेरे से डर लगता है, किसी को ऊंचाई तो किसी को गहरे पानी से. लेकिन आप शायद ही सुना हो कि किसी को लंबे शब्दों से भी डर लगता है. जी हां, दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हे लंबे शब्दों का फोबिया होता है. इस फोबिया को Hippopotomonstrosesquippedaliophobia (हिप्पोपोटोमोनस्ट्रोसेसक्विपेडालियोफोबिया) कहते हैं.
क्या है Hippopotomonstrosesquippedaliophobia
Hippopotomonstrosesquippedaliophobia लंबे शब्दों का डर होता है. इसे sesquipedalophobia (सेसक्विपेडालियोफोबिया) के नाम से भी जाना जाता है. यह फोबिया लैटिन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है 'लंबा शब्द'. लगभग हर कोई अपने लाइफ में कभी न कभी लंबे शब्द को बोलने या उच्चारण करने में परेशान तो होता ही है. इस फोबिया को सोशल फोबिया माना जाता है. यह एक बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है. इसमें लोगों के सामने जोर से पढ़ना या लंबे शब्दों के उच्चारण करने में परेशानी होती है. लगभग 15 मिलियन अमेरिकी इस सोशल फोबिया के साथ जी रहे हैं.
क्या हैं इस फोबिया के लक्षण
Hippopotomonstrosesquippedaliophobia के लक्षण तब दिखते हैं, जब कोई व्यक्ति लंबे शब्द को देखता है. इस फोबिया के कारण उस व्यक्ति को भय और चिंता महसूस होने लगती है. कभी-कभी लोग पढ़ने से भी बचते हैं, ताकि उन्हें लंबे शब्दों को पढ़ना न पड़े. और किसी के सामने शर्मिंदगी न होना पड़े.
इसके अन्य लक्षणों की बात करें तो:
सोशल फोबिया के कारण
सोशल फोबिया का इलाज
सोशल फोबिया से पीड़ित ज्यादातर लोगों को डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके इलाज का एक तरीका है, लंबे शब्दों को बोलने की प्रैक्टिस करना. हां, अगर इसके बावजूद भी सोशल फोबिया ठीक नहीं हो रहा है तब आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. इसमें ज्यादातर कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी दी जाती है. जिसमें आपके सोचने के तरीके पर काम किया जाता है.
इसके अलावा अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर भी आप सोशल फोबिया को कम कर सकते हैं:
जब भी आपको लंबे शब्द को बोलना हो तो आप इन उपायों को कर सकते हैं:
शब्दों को छोटे-छोटे भागों में तोड़े: जब आपको कोई लंबा या कठिन शब्द मिले तो उसे छोटे-छोटे भागों में तोड़ कर पढ़े. उदाहरण के लिए, hippo poto mon stro ses quip peda lio pho bia में तोड़ा जा सकता है.
सब्स्टीट्यूट (शब्दों को बदल दें): हालांकि, यह तरीका लंबे समय में काम नहीं आएगा. लेकिन कभी-कभी बड़े शब्दों की जगह उसका सब्स्टीट्यूट शब्द बोल सकते हैं जैसे- रेफ्रिजरेटर के लिए फ्रिज, लैबोरेट्री के लिए लैब.
जल्दबाजी न करें: अगर आप को किसी शब्द को पढ़ने में स्ट्रेस हो रहा है. तो जल्दबाजी करने के बजाय थोड़ा रुकें, गहरी सांस लें, फिर धीरे-धीरे शब्द को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर पढ़े.
टेक्नोलॉजी की मदद लें: अपनी प्रोनाउंसिएशन को ठीक करने के लिए डिजिटल तकनीकों का सहारा लें. इसके लिए स्पेलचेक, ऑटोकरेक्ट की मदद ले सकते हैं.