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क्या है Juvenile Arthritis? बच्चों में क्या दिखते हैं इसके लक्षण जिसको लेकर आपको शुरुआत में हो जाना चाहिए सतर्क

जुवेनाइल आर्थराइटिस बच्चों में गठिया रोग को कहते हैं. ये 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाती है. शुरुआत में ही स्थिति की पहचान करने के बाद अगर तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाता है तो बच्चों में दीर्घकालिक विकलांगता और अन्य गंभीर नुकसान को बचाया जा सकता है.

Juvenile Arthritis Juvenile Arthritis

जुवेनाइल आर्थराइटिस (Juvenile Arthritis) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो भारत में 1000 बच्चों में से लगभग 1 को प्रभावित करती है. ये बीमारी 16 साल से कम उम्र के बच्चों में गठिया का सबसे आम रूप है. इस स्थिति के कारण क्रोनिक दर्द, जोड़ों में विकृति, विकास में असामान्यताएं और दैनिक गतिविधियों में कठिनाई महसूस होने लगती है. शुरुआत में ही स्थिति की पहचान करने के बाद अगर तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाता है तो बच्चों में दीर्घकालिक विकलांगता और जोड़ों की क्षति को रोका जा सकता है. डॉयग्नोस के बाद डॉक्टर दवा, लाइफस्टाइल में बदलाव और फिजिकल थेरेपी की मदद से इलाज कर सकता है.

संकेत और लक्षण
जिन बच्चों में ये बीमारी विकसित हो रही होती है उन्हें कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे दर्द, जोड़ों में अकड़न और कम गतिशीलता आदि. इस वजह से उनकी दैनिक गतिविधियां और स्कूल और खेलकूद में भागीदारी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित हो सकती है. बीमारी के कारण होने वाली शारीरिक सीमाओं के कारण चलने, वस्तुओं को पकड़ने या साथियों के साथ शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने में कठिनाई हो सकती है. इसके अलावा दूसरों से खुद को कम आंकने की वजह से कई बार ये बच्चे आइशोलेशन में भी चले जाते हैं. इसके अलावा, गठिया शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे आंखें, हृदय, फेफड़े और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे अतिरिक्त स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं, जिसके लिए सावधानीपूर्वक निगरानी और मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है.

क्या है इलाज?
इस वजह से माता-पिता को बचपन से ही बच्चे की हर एक गतिविधि पर नजर रखने की आवश्यकता है. अगर उन्हें ऐसा कभी महसूस होता है या कोई संकेत दिखाई देता है तो अच्छे डॉक्टर की तलाश करें क्योंकि अनियंत्रित सूजन से हड्डियों और जोड़ों को गंभीर नुकसान हो सकता है. माता-पिता या देखभाल करने वालों को बच्चों को इन कठिनाइयों से निपटने में मदद करने के लिए सहायता और समझ प्रदान करनी चाहिए. यहां कुछ आवश्यक सावधानियां दी गई हैं जो कोई भी बरत सकता है:

नियमित चिकित्सा जांच: बाल रोग विशेषज्ञ, रुमेटोलॉजिस्ट, बाल चिकित्सा आर्थोपेडिक सर्जन और अन्य विशेषज्ञों के पास नियमित जाने से बीमारी की प्रगति की निगरानी करने और उसके अनुसार उपचार योजना को समायोजित करने में मदद मिल सकती है.

दवा का अच्छे से पालन: यह सुनिश्चित करना कि बच्चा अपनी दवा समय से ले रहा है. ताकि सूजन और दर्द को मैनेज किया जा सके. 

उचित पोषण: पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार हड्डियों के स्वास्थ्य और समग्र कल्याण में मदद करता है.

हल्का व्यायाम: हल्के व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से जोड़ों के लचीलेपन में सुधार और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है.

इमोशनल सपोर्ट: पुरानी स्थिति से निपटना बच्चों के लिए भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इमोशनल सपोर्ट और बातचीत करने से उन्हें बेहतर तरीके से सामना करने में मदद मिल सकती है.

जागरूकता और शिक्षा: शिक्षकों, सहपाठियों और दोस्तों को जुवेनाइल आर्थराइटिस के बारे में शिक्षित करने से समझ को बढ़ावा मिल सकता है और स्कूल में और खेल के दौरान एक सहायक वातावरण तैयार हो सकता है.