सीसा से होने वाली विषाक्तता यानी लेड पॉइजनिंग तब होती है जब शरीर में सीसा जमा हो जाता है. सीसा एक जहरीली धातु है जो शरीर के विभिन्न अंगों खासकर तंत्रिका तंत्र पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है. ये दूषित हवा, पानी, भोजन और घरों में किया जाने वाला पेंट और बैटरी जैसी चीजों के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर सकती है. जब लेड युक्त पेंट पुराना होने पर दीवारों या फर्नीचर से छूटता है तो धूल के साथ मिलकर सांस के जरिए इंसानों के फेफड़ों और खून में मिल जाता है.
ये है लेड पॉइजनिंग का कारण
लेड पॉइजनिंग का प्राथमिक कारण सीसा युक्त पदार्थों के संपर्क में आना है. यह सीसे की धूल या धुएं में सांस लेने, या सीसे से बने प्रोडक्ट के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है. घरों में इस्तेमाल होने वाले सस्ते पेंट से होने वाली लेड पॉइजनिंग के चलते लोगों में व्यवहार संबंधी समस्याएं और शारीरिक विकास में देरी जैसी बड़ी दिक्कत हो सकती हैं.
बच्चों को प्रभावित करता है लेड पॉइजनिंग
लेड पॉइजनिंग बच्चों के लिए खासतौर से खतरनाक है, क्योंकि ये उनके शारीरिक विकास को धीमा कर सकती है. ज्यादातर बच्चों में लेड पॉइजनिंग लेड पेंट वाली धूल उनके हाथों या खिलौनों पर लगने से होती है. इसके अलावा ऐसे लोग जो बैटरी निर्माण, पेंटिंग जैसे काम करते हैं वो भी सीसा विषाक्तता से प्रभावित हो सकते हैं.
लेड पॉइजनिंग को पूरी तरह से रोका जा सकता है. सीसे के संपर्क को कम करने के उपाय, जैसे पीने के पानी का नियमित परीक्षण, स्वच्छ वातावरण बनाए रखना और कार्यस्थलों में सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना, सीसा विषाक्तता के जोखिम को काफी कम कर सकता है.
लेड पॉइजनिंग के सामान्य लक्षण
पेट में दर्द और ऐंठन: लेड पॉइजनिंग पेट में दर्द का कारण बन सकती है. इसमें अक्सर उल्टी और कब्ज जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों दिखाई देते हैं.
थकान और कमजोरी
लेड पॉइजनिंग से पीड़ित लोगों को लगातार थकान, कमजोरी और एनर्जी की कमी का अनुभव हो सकता है. ये सामान्य थकान से अलग होती है क्योंकि ये लगातार बनी रहती है.
सिर दर्द
माइग्रेन सहित बार-बार होने वाला सिरदर्द लेड पॉइजनिंग का लक्षण हो सकता है. ये सिरदर्द गंभीर और लगातार बने रह सकते हैं.
ध्यान लगाने में परेशानी
सीसा विषाक्तता से पीड़ित लोगों को ध्यान लगाने, याददाश्त और सीखने में कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है.
चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव
लेड पॉइजनिंग खासकर बच्चों में चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव और व्यवहार में बदलाव का कारण बन सकती है. वे ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं.
भूख में कमी
लेड पॉइजनिंग से भूख कम हो सकती है और वजन घट सकता है.
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