क्या हर रोज एक ही तरह का खाना खाने से वजन लगातार कम हो सकता है? मोनोट्रोपिक डाइट सालों से ऐसा करने के लिए जानी जाती है. इस डाइट को सिंगल-फूड डाइट के रूप में भी जाना जाता है. कुछ लोग अपने खाने के लिए एक ही तरह के फल, जैसे केला, या कोई दूसरा फूड ग्रुप खाते हैं. हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इस तरह के डाइट काम करते हैं. इसलिए, फायदे और नुकसान को समझना जरूरी है।
मोनोट्रोपिक आहार क्या है?
इसमें कुछ समय तक सिर्फ एक ही तरह का खाना खाना शामिल है. यह कोई भी मील हो सकता है, केले या सेब जैसे फलों से लेकर आलू या शकरकंद जैसी स्टार्चयुक्त सब्जियों तक. इस डाइट के पीछे का विचार खाने को सरल बनाना और संभावित रूप से कैलोरी सेवन को सीमित करके वजन घटाने को बढ़ावा देना है.
मोनोट्रोपिक आहार के उदाहरण क्या हैं?
1. आलू डाइट: इसमें कुछ समय के लिए सिर्फ आलू खाना शामिल है क्योंकि वे कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और कुछ जरूरी विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत हैं.
2. केला डाइट: कुछ समय के लिए सिर्फ केले खाएं क्योंकि वे पोटेशियम, विटामिन सी और बी 6 और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं.
3. अंडा डाइट: कुछ समय तक सिर्फ अंडे खाना, जो प्रोटीन, विटामिन डी और बी12 और जिंक और आयरन जैसे मिनरल्स का अच्छा स्रोत हैं।
बड़े फायदे क्या हैं?
कुछ लोगों को डाइट के कारण शुरुआती वजन घटाने का अनुभव हो सकता है. सिर्फ एक ही भोजन खाने से कैलोरी की मात्रा कम होने की संभावना होती है. एक ही भोजन खाने से खाद्य संवेदनशीलता या असहिष्णुता की पहचान करने में मदद मिल सकती है. अगर सूजन या पाचन संबंधी परेशानी जैसे लक्षण गायब हो जाते हैं, तो समझ में आता है दूसरे प्रोडक्ट्स के साथ दिक्कत है.
नुकसान क्या हैं?
सिर्फ एक ही प्रकार का भोजन खाने से पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, क्योंकि कोई भी एक भोजन सभी आवश्यक पोषक तत्व नहीं दे सकता है. इससे थकान, कमजोरी और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. एक ही खाना बार-बार खाने से बोरियत हो सकती है. इसी तरह, कुछ खानों से परहेज करने से उन्हें खाने की लालसा बढ़ सकती है और ज्यादा खाने की प्रवृत्ति हो सकती है.