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OTC Deficiency: प्रोटीन शेक पीने के बाद यह दुर्लभ बीमारी बनी इस लड़के की मौत की वजह, जानिए कैसे

OTC Deficiency related to protien shake death: हाल ही में, रिपोर्ट सामने आई है कि साल 2020 में एक भारतीय लड़के की मौत प्रोटीम शेक पीने से हो गई.

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साल 2020 में यूके में एक 16 वर्षीय भारतीय मूल के लड़के की मौत प्रोटीन शेक पीने से हो गई थी. इस संबंध में हाल ही में खबरें सामने आने के बाद इस बारे में चर्चा हो रही है कि आखिर कैसे प्रोटीन शेक पीने से किसी की मौत हो सकती है. लेकिन इस बारे में एक्सपर्ट्स का कुछ और ही कहना है. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उस लड़के की मौत की वजह एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी रही- ऑर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज (ओटीसी) डेफिसिएंसी. 

मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहन गोधनिया के पिता ने अपने बेटे को मसल्स बनाने में मदद करने के लिए प्रोटीन शेक खरीदकर दिया था, क्योंकि उनका बेटा "काफी पतला" था. 

ओटीसी डेफिशिएंसी (OTC deficiency) क्या है
ऑर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज़ की कमी (ओटीसी की कमी) एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है जो शरीर की अमोनिया को प्रोसेस करने की क्षमता को ख़राब कर देती है. अगर शरीर में अमोनिया प्रोसेस न हो तो बल्डस्ट्रीम में टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं. एचसीजी अस्पताल, अहमदाबाद के सीनियर डॉ. मनोज विठलानी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “प्रोटीन ड्रिंक पीने से यह मेटाबोलिक इंबैलेंस (चयापचय असंतुलन) और बिगड़ सकता है जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं.

ओटीसी डेफिशिएंसी ऑर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज एंजाइम को प्रभावित करने वाले जीन म्यूटेशन के कारण होती है, जो प्रोटीन मेटाबोलिज्म के दौरान अमोनिया के टूटने के लिए महत्वपूर्ण है. डॉ. विठलानी ने कहा कि इसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं जिनमें उल्टी, दौरे, सुस्ती, भ्रम और कोमा शामिल हैं, जो अक्सर हाई प्रोटीन इनटेक से ट्रिगर होते हैं. 

क्या हो सकता है ट्रीटमेंट 
इस बीमारी के ट्रीटमेंट में अमोनिया उत्पादन और संचय को कम करने के लिए डाइटरी बदलाव और दवा शामिल हैं. गंभीर मामलों में, हेमोडायलिसिस जैसी आपातकालीन जरूरत हो सकती है. हालांकि, सबसे ज्यादा जरूरी है इस बीमारी का जल्द से जल्द पता चलना. ओटीसी डेफिशिएंसी का पता न चलने पर दुखद परिणाम हो सकते हैं. 

इस स्थिति के बारे में जागरूकता जरूरी है, खासकर जब हाई-प्रोटीन फूड प्रोडक्ट्स या ड्रिंक लेने के बाद अस्पष्ट लक्षणों वाले रोगियों का मूल्यांकन किया जाता है. हालांकि, पता चला है कि शुरुआत में, पोस्टमार्टम टेस्टिंग में लड़के की मौत के कारण के रूप में ओटीसी डेफिशिएंसी की पहचान नहीं की जा सकी थी क्योंकि उसके अंगों को उसकी मृत्यु के तुरंत बाद दान कर दिया गया था.