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Sundown Syndrome: शाम होते ही छाने लगती है उदासी...कहीं नहीं लगता दिल! सनसेट एंग्जाइटी के हो सकते हैं शिकार

सनसेट एंग्जाइटी एक ऐसा मेंटल स्टेट है जिसमें व्यक्ति को शाम ढलते या सूर्यास्त के समय चिंता, उदासी, या बेचैनी का अनुभव होता है. यह भावना अक्सर इस समय से जुड़ी हुई होती है जब दिन खत्म हो रहा होता है और अंधेरा आने लगता है.

Sunset Anxiety Sunset Anxiety
हाइलाइट्स
  • सनसेट एंग्जाइटी एक मेंटल स्टेट है.

  • सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण क्या हैं

सूरज का ढलना प्रकृति की एक अद्भुत रचना है. दिन का अंत, सूरज का धीरे-धीरे अस्त होना, आसमान के रंगों का बदलना.. ये सब मिलकर एक मन को लुभाने वाला दृश्य बनाते हैं. लेकिन कुछ लोगों के लिए सूर्यास्त का मतलब सुंदरता नहीं बल्कि चिंता और डर भी है. कुछ लोग सूर्यास्त के समय बहुत ज्यादा चिंता, घबराहट और खालीपन महसूस करते हैं. इसे सनसेट एंग्जाइटी कहा जाता है. हालांकि यह कोई मानसिक बीमारी नहीं है.

क्या है सनसेट एंग्जाइटी
सनसेट एंग्जाइटी एक ऐसा मेंटल स्टेट है जिसमें व्यक्ति को शाम ढलते या सूर्यास्त के समय चिंता, उदासी, या बेचैनी का अनुभव होता है. यह भावना अक्सर इस समय से जुड़ी हुई होती है जब दिन खत्म हो रहा होता है और अंधेरा आने लगता है. यह फीलिंग अधिकतर उन लोगों में देखी जाती है जो अकेलापन महसूस करते हैं या जिन्हें किसी प्रकार का मेंटल स्ट्रेस होता है.

किन वजहों से हो सकती है सनसेट एंग्जाइटी?
1. अकेलापन महसूस करना- शाम के समय जब अंधेरा होने लगता है, तो कुछ लोगों को अकेलापन ज्यादा महसूस हो सकता है. यह खासकर उन लोगों में होता है जो अकेले रहते हैं या जिनके पास शाम को बात करने या समय काटने के लिए कोई नहीं होता .

2. दिनभर की थकान और तनाव- दिनभर काम करने के बाद जब व्यक्ति शाम को खाली बैठता है, तो उसके दिमाग में तनाव और चिंता के विचार आने लगते हैं. दिनभर की थकान भी इस बेचैनी को बढ़ा सकती है.

3. रोज की समस्याओं पर ध्यान देना- शाम के समय पूरे दिन के काम खत्म हो जाते हैं, जिसके बाद लोग अपनी खुद की समस्याओं के बारे में   सोचने लगते हैं जिसके कारण ये चिंता और भी बढ़ सकती है.

4. अंधेरे का डर- कई लोगों को अंधेरे से डर लगता है, और सूर्यास्त के बाद जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ता है, उनका डर भी बढ़ सकता है. इससे उनकी चिंता और ज्यादा बढ़ने लगती है .

5. मौसम और रोशनी का असर- खासकर सर्दियों में जब दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, तो कई लोगों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal affective disorder) की समस्या भी देखी जाती है. यह डिप्रेशन का एक प्रकार है, जो कम रोशनी के कारण होता है और सनसेट एंग्जाइटी को और ज्यादा बढ़ा सकता है.

6. अनियमित रूटीन (Irregular Routine)- अगर किसी का डेली रूटीन सही नहीं है, तो शाम के समय उसे खालीपन और बेचैनी का एहसास हो सकता है. नियमित काम न होने से मन भटकता है, जिससे चिंता बढ़ सकती है.

7. कैफीन या अल्कोहल का सेवन- अगर शाम के समय कैफीन और अल्कोहल का सेवन किया जाए, तो इससे बेचैनी बढ़ सकती है. ये नींद और मन की शांति में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जो हमारी चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है.

8. मदद न लेना- अगर किसी को लंबे समय से सनसेट एंग्जाइटी हो रही है और वे इसे नजरअंदाज करते हैं, तो यह धीरे-धीरे और गंभीर हो सकती है. इसमें आप जितनी जल्द हो सके उतनी जल्दी प्रोफेशनल की मदद लें.

Sunset Anxiety
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सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण

सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण कई तरह के हो सकते हैं, और ये अक्सर शाम के समय सूर्यास्त के समय दिखाई देते हैं.

1. चिंता और बेचैनी का बढ़ना- जैसे-जैसे शाम ढलती है और अंधेरा होता है, व्यक्ति के मन में चिंता और बेचैनी बढ़ने लगती है. यह एक घबराहट या अस्थिरता का एहसास होता है, जैसे कुछ गलत होने वाला हो.

2. उदासी या निराशा का एहसास होना- सूर्यास्त के समय मन में अचानक उदासी और नकारात्मकता (negativity) का एहसास हो सकता है. जो  व्यक्ति को थका हुआ, निराश, और अंकम्फर्टेबल महसूस करा सकता है.

3. अकेलापन महसूस होना- शाम के समय कई लोगों को अकेलापन महसूस होने लगता है, चाहे वे अकेले हों या किसी के साथ. यह महसूस होता है कि कोई साथ नहीं है या फिर उनकी समस्याओं को समझने वाला कोई नहीं है.

4. मन में नकारात्मक विचारों का आना- सूर्यास्त के समय मन में नकारात्मक सोच का आना सामान्य हो सकता है. व्यक्ति अपने बारे में या अपने भविष्य के बारे में नकारात्मक बातें सोचने लगता है, जैसे कि जीवन में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है.

5. शारीरिक लक्षण
दिल की धड़कन तेज होना- घबराहट के कारण दिल की धड़कन बढ़ सकती है, जिससे व्यक्ति बेचैनी महसूस करता है.
पसीना आना- चिंता के कारण पसीना आ सकता है, खासकर हाथों और चेहरे पर.
कांपना- घबराहट बढ़ने पर शरीर में हल्की थरथराहट भी हो सकती है.
सांस फूलना- व्यक्ति को ऐसा लग सकता है कि उसकी सांसें तेज चल रही हैं या फिर दम घुट रहा है.

6. ध्यान न लगना- सनसेट के समय मन में बेचैनी इतनी बढ़ सकती है कि किसी भी चीज में ध्यान नहीं लगता. व्यक्ति कोई भी काम करना चाहे तो मन बार-बार भटकता है और काम में मन नहीं लगता.

7. नींद न आना- सूर्यास्त चिंता का असर नींद पर भी पड़ सकता है. इस बेचैनी के कारण रात में जल्दी नींद नहीं आती या फिर बीच-बीच में नींद टूट जाती है.

8. समाज से दूरी बनाना- जब व्यक्ति को सूर्यास्त चिंता होती है, तो वह दूसरों से मिलने-जुलने से बचने लगता है. उसे अकेले रहना ज्यादा अच्छा लगता है, क्योंकि वह खुद को दूसरों के साथ अच्छा महसूस नहीं करता.

9. जरूरत से ज्यादा सोचने लगना- शाम के समय कई लोग छोटी-छोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं. यह सोच उनके दिमाग पर हावी होकर उनकी चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा देती है.

10. जीवन का उद्देश्य खोने जैसा महसूस करना- कई लोगों को ऐसा लगने लगता है कि उनकी जिंदगी में कोई खास मकसद नहीं है या वे किसी खास दिशा में नहीं बढ़ रहे हैं. यह अहसास अक्सर शाम के समय, खासकर सूर्यास्त के वक्त और भी गहरा हो जाता है.

 
कैसे करें सनसेट एंग्जाइटी को कम?

सूर्यास्त चिंता को कम करने के लिए कुछ आसान तरीके हैं, जिनको अपनाने से यह परेशानी काफी कम हो सकती है. जैसे-

1. नियमित दिनचर्या बनाएं- रोज़ एक ही समय पर उठें, हल्का व्यायाम करें, शाम को टहलने जाएं या अपनी पसंद की किताब पढ़ें. ये सब करने से आपका मन शांत रहेगा और आपको चिंता भी कम होगी.

2. ध्यान (Meditation) और योग करें- ध्यान और योग करने से मन को शांत रखने में मदद मिलती है. शाम को 10-15 मिनट का ध्यान या गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करने से मन की बेचैनी कम हो सकती है.

3.  प्रकृति (Nature) में समय बिताएं- सूर्यास्त के समय बाहर किसी पार्क या खुली जगह में टहलें, जहां ताजी हवा मिल सके. प्रकृति के संपर्क में रहने से चिंता और तनाव कम होता है और मन में शांति आती है.

4. पसंदीदा काम करें- शाम को अपना पसंदीदा काम कर खुद को व्यस्त रखें, जैसे कि ड्रॉइंग, म्यूजिक सुनना, कुकिंग, या अपने पसंदीदा शोज़ देखना. यह आपको नकारात्मक विचारों (Negative Thoughts) से दूर रखेगा और खुशी का एहसास दिलाएगा.

5. दोस्तों और परिवार से बात करें- अकेलापन चिंता को बढ़ा सकता है, इसलिए शाम के समय अपने परिवार या दोस्तों के साथ बातचीत करें. इससे अकेलापन कम होगा और मन को अच्छा महसूस होगा.

6. सही खाना खाएं- दिनभर पौष्टिक भोजन करें और समय पर भोजन लें. थका हुआ और भूखा शरीर अधिक चिंता पैदा कर सकता है. शाम के समय कैफीन और अल्कोहल से बचें क्योंकि ये नींद और मानसिक शांति (Mental peace) में बाधा डाल सकता है .
 
7. हल्की रोशनी का इस्तेमाल करें- अंधेरे से उदासी महसूस हो सकती है. शाम को हल्की और आरामदायक रोशनी का इस्तेमाल करें, इससे मन बेहतर महसूस करता है.

8. सही सोच रखें- गलत सोच पर ध्यान न दें. खुद से अच्छी और सही बातें कहें और मन को गलत विचारों की तरफ जाने ही नहीं दे. इसके लिए आप मोटिवेशनल किताबें भी पढ़ सकते हैं.

9. जरूरत पड़ने पर मदद लें- अगर सनसेट एंग्जाइटी लंबे समय से हो रही है, तो किसी मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट से सलाह लें. वे इस चिंता को संभालने में मदद कर सकते हैं.

10. अच्छी नींद लें- अच्छी नींद मानसिक (Mental) और शारीरिक (Physical) हेल्थ के लिए जरूरी है. सोने से पहले फोन और लैपटॉप से दूर रहें, हल्का संगीत सुनें, और मन को शांत रखें. ऐसा करने से आप अगले दिन अच्छा और एनर्जी से भरा हुआ महसूस करते हैं.