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Ligament Injury: क्या है लिगामेंट इंजरी, जिसके कारण हार्दिक पंड्या इंग्लैंड के खिलाफ भी नहीं खेल पाएंगे मैच, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

हार्दिक पंड्या ही नहीं कई खिलाड़ियों को खेलते समय लिगामेंट इंजरी हो चुकी है. आम लोगों को भी यह इंजरी हो सकती है. आइए आज जानते हैं लिगामेंट इंजरी या लिगामेंट टीयर क्या है? इसके लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं? 

लिगामेंट इंजरी के कारण ही हार्दिक पांड्या हैं विश्व कप के मैचों से बाहर (फाइल फोटो) लिगामेंट इंजरी के कारण ही हार्दिक पांड्या हैं विश्व कप के मैचों से बाहर (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • हार्दिक पांड्या को 19 अक्टूबर को मैच के दौरान लगी थी चोट

  • एनसीए में पांड्या अपनी फिटनेस पर कर रहे काम 

भारतीय टीम को इस विश्व कप में अगला मैच रविवार को इंग्लैंड से खेलना है. भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या इस मैच में नहीं खेल पाएंगे क्योंकि वह बांग्लादेश के खिलाफ 19 अक्टूबर 2023 को पुणे में खेले गए मैच के दौरान चोटिल हो गए थे. वह अभी नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक उनको लिगामेंट इंजरी हुई है. 

इससे पहले भी कई खिलाड़ियों को खेलते समय लिगामेंट इंजरी हो चुकी है. सिर्फ खिलाड़ियों ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी कभी भी लिगामेंट इंजरी हो सकती है. आइए आज जानते हैं लिगामेंट इंजरी या लिगामेंट टीयर क्या है? इसके लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं? 

क्या होता है लिगामेंट 
लिगामेंट फाइब्रस टिशू का एक सख्त बैंड होता है, जो हड्डी को हड्डी से जोड़ता है. यह हड्डियों को कार्टिलेज से भी जोड़ता है, जो शरीर में जोड़ों का एक प्रमुख तत्व है. यानी जहां भी दो हड्डियां आपस में मिलती हैं और एक ज्वाइंट बनती हैं, उस ज्वाइंट को स्थिर रखने और उन हड्डियों को जोड़ने का काम लिगामेंट्स करते हैं. 

वैसे तो लिगामेंट काफी मजबूत होते हैं लेकिन चोट या जोड़ पर अत्यधिक बल के कारण यह टीयर भी हो सकते हैं. इसी को लिगामेंट इंजरी या लिगामेंट टीयर कहा जाता है. खेल के मैदान में अक्सर खिलाड़ियों को लिगामेंट टियर का सामना करना पड़ता है. आमतौर पर लिगामेंट इंजरी एंकल, नी, अंगूठा, गर्दन या फिर पीठ के पीछे होती है. किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट हुआ. उसकी हड्डी तो नहीं टूटी, लेकिन उस जगह उसे काफी चोट लगी. भयंकर दर्द हो रहा है तो हो सकता है कि लिगामेंट में चोट आई हो. इसकी वजह से चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है. घुटने में 4 मेन लिगामेंट्स होते हैं. साइड में MCL और LCL, जो घुटनों को साइड से स्थिर रखते हैं. घुटने के आगे ACL और पीछे की तरफ PCL होता है. ये घुटनों को आगे और पीछे से स्थिरता देते हैं.

लिगामेंट टीयर के लक्षण
लिगामेंट टीयर की समस्या में प्रभावित स्थान को छूने से बहुत दर्द होता है. प्रभावित स्थान पर सूजन भी हो सकती है. ज्वाइंट मूवमेंट में भी बहुत दिक्कत आती है. इस समस्या में आवाज का आभास भी होता है. मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है. लिगामेंट ज्वाइंट को सपोर्ट करने के साथ स्ट्रेंथ भी देते हैं. लिगामेंट टीयर होने पर लूजनेस का एहसास होता है. हाथ या पैर जिस पर ज्वाइंट पर चोट लगी है उसे मोड़ने में भी दिक्कत महसूस हो सकती है. 

यदि 2-3 दिन तक ये परेशानियां दिखें तो बिना किसी लापरवाही के हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाने जरूर जाएं. लिगामेंट इंजरी काफी खतरनाक हो सकती है. यदि इसका जल्दी और सही इलाज न हो, तो ये जिंदगीभर नॉर्मल नहीं हो पाती. इसलिए यदि कभी आपको ज्वाइंट में चोट आए, ज्वाइंट मुड़े तो बस ये देखकर सुकून में न आ जाएं कि आपकी हड्डी नहीं टूटी. लिगामेंट में चोट भी काफी खतरनाक है. इसलिए सही इलाज लें.  

क्रूसिएट लिगामेंट में चोट के लक्षण
क्रूसिएट लिगामेंट (ACL) की चोट अक्सर दर्द का कारण बनती है. चोट लगने पर आपको पॉपिंग की आवाज सुनाई दे सकती है. फिर जब आप उस पर खड़े होने की कोशिश करते हैं तो आप झुक जाते हैं. इसके साथ ही घुटना भी सूज जाता है. कुछ मामलों में अपने घुटने को हिलाने में भी बहुत ज्यादा तकलीफ होती है.

कोलेटरल लिगामेंट में चोट के लक्षण
कोलेटरल लिगामेंट (MCL) की चोट भी घुटने की पॉपिंग और बकल का कारण बनती है. इससे दर्द और सूजन होती है. इसमें आपको अक्सर घुटने के किनारों पर दर्द होगा और चोट वाली जगह पर सूजन होगी. इसके साथ ही घुटना भी अस्थिर महसूस होगा.

कब-कब हो सकती है लिगामेंट इंजरी 
1. खेलते समय गिरने या फिसल जाने से.
2. खेलकूद में धक्का लगने पर जोड़ मुड़ने से.
3. किसी बड़े एक्सीडेंट की वजह से.
4. चलते-चलते पैर मुड़ जाने से.
5. लिगामेंट कमजोर होने पर.
6. अचानक या फिर धीरे से गिर जाने पर.
7. किसी सिचुएशन में लिगामेंट पर अधिक दबाव पड़ने से.

डायगनोसिस और प्रकार
लिगामेंट टीयर की डायगनोसिस फिजिकल एग्जाम और मेडिकल हिस्ट्री से शुरू होती है. आपका हेल्थ प्रोवाइडर पूछेगा कि चोट लगने के समय आप क्या कर रहे थे. फिजिकल एग्जामिनेशन के बाद अगला कदम अक्सर फ्रैक्चर या टूटी हुई हड्डियों को देखने के लिए एक्स-रे करना होता है. मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग ( MRI) आंशिक या पूर्ण लिगामेंट टीयर देखने के लिए किया जा सकता है. 

तीन ग्रेड में लिगामेंट टीयर को बांटा गया है 
ग्रेड 1: यह हल्की मोच है जिससे लिगामेंट को नुकसान तो पहुंचा है लेकिन टीयरिंग ज्यादा गंभीर नहीं है.
ग्रेड 2: यह मध्यम मोच है जिसमें पार्शियल टीयरिंग होती है. इसमें जोड़ असामान्य रूप से ढीला हो सकता है.
ग्रेड 3: यह एक गंभीर मोच है जिसमें लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है. जोड़ अनस्टेबल हो जाता है.

क्या है उपचार
लिगामेंट इंजरी का ट्रीटमेंट उम्र, ओवरऑल हेल्थ और मेडिकल हिस्ट्री के साथ-साथ चोट कितनी गंभीर है, इस बात पर निर्भर करता है. रेस्ट, आइस, कंप्रेशन, और एलिवेशन (R.I.C.E.) लिगामेंट की चोट के लिए प्रारंभिक उपचार के उपाय हैं. इसके ट्रीटमेंट में डॉक्टर इबुप्रोफेन जैसी दवाएं देते हैं. मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करने की सलाह देते हैं और अगर घुटने में लिगामेंट इंजरी है तो नी ब्रेस पहनने के लिए कहते हैं. सूजन को कम करने के लिए आइस पैक लगाया जाता है. समस्या गंभीर पर सर्जरी भी की जाती है. लिगामेंट इंजरी को ठीक करने के लिए प्लास्टर भी किया जाता है. कंधे और घुटनों की लिगामेंट इंजरी को दूर करने के लिए डॉक्टर अर्थोस्कोपी ट्रीटमेंट भी करते हैं.

लिगामेंट इंजरी होने पर घर पर ऐसे कर सकते हैं उपचार
चोट वाली जगह पर सूजन और दर्द होने पर बर्फ से सिकाई करें. 2-3 दिन रोजाना 15-20 मिनट बर्फ से सिकाई करें. इससे दर्द और सूजन दोनों से आराम मिलेगा. इंजरी के बाद ज्यादा घूमें-फिरें नहीं क्योंकि ज्यादा मूवमेंट से प्रेशर बढ़ेगा. जिससे दर्द और सूजन की परेशानी बढ़ सकती है. इसके लिए भरपूर आराम करें. साथ ही घुटने पर इलास्टिक बैंडेज और पट्टी बांधें. इससे घुटने का मूवमेंट कम होगा और दर्द में भी आराम मिलेगा. 

अदरक में ऐसे कई गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करते हैं. इसके लिए 1 लीटर पानी में आधा चम्मच ग्रीन टी, आधा नींबू, शहद और थोड़ी अदरक कस लें. इसे उबाल लें और इस पानी को 2-3 दिन में 2 बार पिएं. अरंडी के तेल के इस्तेमाल से दर्द और सूजन दोनों में आराम मिलता है. लिगामेंट इंजरी के बाद हल्की एक्सरसाइज जरूर करें. इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है, जिससे मसल्स के साथ-साथ लिगामेंट को भी आराम मिलता है.