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जानिए क्या होता है Werewolf Syndrome, स्पेन में 11 मामले आए सामने, नवजात शिशुओं को हो सकता है रिस्क

स्पेन में 11 मामले सामने आए हैं जिनमें नवजात बच्चों के शरीर पर सामान्य से बहुत ज्यादा बाल देखे गए. इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हाइपरट्रिकोसिस कहा जाता है.

Spain babies developing rare condition known as Werewolf Syndrome Spain babies developing rare condition known as Werewolf Syndrome
हाइलाइट्स
  • स्पेन में सामने आए 11 मामले

  • भारत में भी सामने आ चुके हैं ऐसे केस

स्पेन में नवजात शिशुओं को एक अजीब-सी स्थिति विकसित हो रही है जिसके कारण उनकी पीठ, पैरों और चेहरे पर सामान्य से काफी ज्यादा बाल उगने लगे हैं. एल इकोनोमिस्टा की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोई-कोई बच्चा तो स्टार वार्स के वूकीज़ जैसा लग रहा है. इस कंडीशन को "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" नाम दिया गया है. 

बताया जा रहा है कि पिछले साल अकेले स्पेन में इस स्थिति के 11 डॉक्यूमेंटेड मामले सामने आए हैं. भले ही सुनने में यह नंबर छोटा लगे लेकिन यह चिंताजनक स्थिति है. क्योंकि मिडिल एज के बाद से इस स्थिति के 100 से भी कम दस्तावेजी मामले दर्ज किए गए हैं. 

क्या है वेयरवोल्फ सिंड्रोम
वेयरवोल्फ सिंड्रोम को मेडिकल तौर पर हाइपरट्रिकोसिस के रूप में जाना जाता है. यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें पूरे शरीर में बहुत ज्यादा बाल होते हैं. हाइपरट्रिकोसिस अलग-अलग हो सकता हैं:

  • जन्मजात हाइपरट्रिकोसिस: जेनेटिक म्यूटेशन के कारण जन्म के समय से ही शरीर पर ज्यादा बाल मौजूद होना. 
  • एक्वायर्ड हाइपरट्रिकोसिस: जीवन में बाद में बाहरी कारकों जैसे दवाओं या एनवायरमेंटल रिस्क के कारण यह स्थिति होना.  

इस स्थिति के कारण शरीर के उन हिस्सों पर असामान्य और अत्यधिक बाल उगने लगते हैं जहां बाल आमतौर पर मौजूद नहीं होते हैं या फिर सामान्य तौर पर बहुत कम होते हैं. 

शिशुओं में वेयरवोल्फ सिंड्रोम का क्या है कारण 
रिसर्चर्स के अनुसार, स्पेन में हाल के मामले एक पॉपुलर ओवर-द-काउंटर बाल झड़ने की दवा से जुड़े हैं. 2023 और 2024 के बीच, पूरे स्पेन में शिशुओं में हाइपरट्रिकोसिस के 11 मामलों की पहचान की गई. हेल्थ ऑफिसर्स ने पता लगाया कि इन सभी मामलों में एक चीज कॉमन है और वह है बच्चों की देखभाल करने वाले लोगों का 5% मिनोक्सिडिल का इस्तेमाल करना. 

यह बालों को झड़ने से रोकने के लिए एक दवा है. रिपोर्ट से पता चलता है कि शिशु किसी तरह से मिनोक्सिडिल के संपर्क में आए हैं. या तो मिनोक्सिडिल से उनकी डायरेक्ट स्किन कॉन्टेक्ट हुआ है या फिर  उन्होंने गलती से यह पी लिया है. सभी रिपोर्ट किए गए मामलों में यह भी सामने आया कि जब इन बच्चों की देखभाल कर रहे लोगों ने यानी कि उनके माता-पिता या कोई केयरटेकर ने मिनोक्सिडिल-आधारित उत्पादों का उपयोग बंद कर दिया तो बच्चों में ज्यादा बाल बढ़ने के लक्षण कम हो गए. 

दूसरे देशों में भी सामने आ चुके हैं मामले 
2023 में, मलेशिया में जन्मजात हाइपरट्रिकोसिस से पीड़ित दो साल की लड़की का मामला सामने आया था. यहां पर लोकल लोगों मे उसे 'Child from heaven' निकनेम दिया. यूरोपीय फार्माकोविजिलेंस रिस्क असेसमेंट कमिटी सहित हेल्थ एक्सपर्ट्स ने सलाह दी की शिशुओं के आसपास मिनोक्सिडिल का उपयोग बिल्कुल भी न हो. 

यहां तक ​​कि मिनोक्सिडिल की थोड़ी सी मात्रा भी हानिकारक हो सकती है. ऐसे में, इसके सही स्टोरेज और इस्तेमाल करने के दिशानिर्देशों को लेकर सख्त होना जरूरी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी वेयरवोल्फ सिंड्रोम के मामले सामने आए हैं.