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Winter Depression: काम में नहीं लगता मन, दिन भर छाई रहती है उदासी तो विंटर डिप्रेशन हो सकती है वजह, ऐसे बचें विंटर ब्लूज से

सर्दियों में शरीर की बायोलॉजिलक क्लॉक में बदलाव आना आम है लेकिन कम धूप की वजह से सेरोटोनिन लेवल में कमी का आना भी विंटर डिप्रेशन की बड़ी वजह है. भारत में हर साल करीब 1 करोड़ लोग विंटर डिप्रेशन के शिकार होते हैं.

हाइलाइट्स
  • हर साल 1 करोड़ लोग विंटर डिप्रेशन के शिकार

  • डिप्रेशन की वजह से किसी का भी मूड खराब हो सकता है.

मौसम कैसा भी हो मन पर उसका असर तो पड़ता ही है. मौसम अच्छा हो तो मूड भी अच्छा रहता है. अगर मौसम खराब हो तो मूड भी ऑफ हो जाता है. सर्दियों के दिनों में जब धूप के कई कई दिन तक दर्शन नहीं होते तो इसका असर भी मन पर सीधा पड़ता है. इस दौरान कुछ लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं. कुछ लोगों को ज्यादा गुस्सा आता है तो वहीं कुछ लोगों को उदासी घेर लेती है. इसे ही विंटर डिप्रेशन कहा जाता है. सूरज की रोशनी का हमारे मूड से गहरा रिश्ता होता है.. एक स्टडी के मुताबिक सर्दियों में सूरज की रोशनी से सब कुछ अच्छा लगता है वहीं इसकी कमी से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. 

हर साल 1 करोड़ लोग विंटर डिप्रेशन के शिकार
सर्दियों में शरीर की बायोलॉजिलक क्लॉक में बदलाव आना आम है लेकिन कम धूप की वजह से सेरोटोनिन लेवल में कमी का आना भी विंटर डिप्रेशन की बड़ी वजह है. भारत में हर साल करीब 1 करोड़ लोग विंटर डिप्रेशन के शिकार होते हैं. जानकार मानते हैं कि सुबह की रोशनी दिमाग के जागने और अलर्ट रहने के लिए बहुत जरूरी है. दरअसल हमारे दिमाग से स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसॉल निकलता है जो हमें जागने और अलर्ट रहने के लिए तैयार करता है. सुबह की धूप से हेल्दी कॉर्टिसॉल मिलता है जो डिप्रेशन से बचाता है. साथ ही सुबह की धूप से हैप्पी हॉर्मोन डोपामाइन भी रिलीज होता है जो खुशी का एहसास देता है और मोटिवेट रहने में हमारी मदद करता है.

कुछ देर धूप में जरूर बैठें
सर्दियों में सुबह की धूप से ठंड से राहत तो मिलती ही है, बल्कि मानसिक सेहत भी बेहतर होता है. कई घरों में सुबह की धूप से बचने के लिए खिड़कियों पर परदे लगाए जाते हैं, लेकिन जरूरी है कि खिड़की खोल कर धूप का स्वागत किया जाए. घर में मुमकिन ना हो तो पार्क या खुली जगह पर धूप में कुछ देर जरूर बैठें. इससे शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होगी. सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षणों में थकान, चिड़चिड़ापन, सुस्ती और मूड में बदलाव शामिल हैं.