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Reason You Keep Getting Fat: क्या होता है Yo-Yo Effect, जिसकी वजह से बार-बार बढ़ता और घटता है आपका वजन

यो-यो इफेक्ट उस साइकिल को कहते हैं जिसमें लोग बार-बार वजन घटाते और बढ़ाते रहते हैं. इसके पीछे के कारण को लोग क्रैश डाइट, फैड डाइट प्लान से जोड़कर देखते हैं. यो-यो डाइटिंग शरीर पर तनाव डालती है.

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हाइलाइट्स
  • फैट की होती है सेलुलर मेमोरी

  • रिसर्च में सामने आई वजह

कल्पना कीजिए आपने कड़ी मेहनत की, सख्त डाइट फॉलो की और काफी वजन घटाया. तारीफें मिलने लगती हैं, और आप अच्छा महसूस करने लगे. लेकिन कुछ हफ्तों या महीनों बाद, वजन फिर से बढ़ने लगता है. आपको ये कहानी जानी-पहचानी लग रही है? वजन घटने और बढ़ने की इस साइकिल को यो-यो डाइटिंग कहा जाता है. क्या होगा अगर इसका कारण सिर्फ आपकी खाने की आदतें या लाइफस्टाइल नहीं, बल्कि कुछ और हो? 

फैट की होती है सेलुलर मेमोरी
हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, फैट सेल्स में इसका राज छिपा है. स्विट्जरलैंड की ETH ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाला सच बताया है. उनका कहना है कि आपकी फैट सेल्स के पास मेमोरी होती है. रिसर्च में पाया गया कि मोटापा फैट सेल्स जेनेटिक मॉडिफिकेशन) करता है. ये बदलाव सेल्स न्यूक्लियस स्टोर हो जाते हैं, जैसे किसी "मेमोरी चिप" में. यह शरीर को वजन घटाने के बाद फिर से वजन बढ़ाने के लिए कमांड देता है. 

पोषण और मेटाबोलिक एपिजेनेटिक्स के प्रोफेसर फर्डिनेंड वॉन मेयेन कहते हैं, "यह स्टडी बताती है कि आखिर क्यों इतनी मेहनत के बाद भी लोगों का वजन उतना ही बना रहता है.” 

यो-यो इफेक्ट क्या है?  
यो-यो इफेक्ट उस साइकिल को कहते हैं जिसमें लोग बार-बार वजन घटाते और बढ़ाते रहते हैं. इसके पीछे के कारण को लोग क्रैश डाइट, फैड डाइट प्लान से जोड़कर देखते हैं. यो-यो डाइटिंग शरीर पर तनाव डालती है. जब आप वजन कम करते हैं, तो आपका मेटाबोलिज्म एनर्जी बचाने के लिए धीमा हो जाता है. जैसे ही आप नॉर्मल खाने पर लौटते हैं, धीमा मेटाबोलिज्म तेजी से वजन बढ़ाने का कारण बनता है, जो अक्सर आपके पहले के वजन से भी ज्यादा हो सकता है. अब, स्टडी में सामने आया है कि ये साइकिल सिर्फ मेटाबोलिज्म से ही नहीं जुड़ा है.  

रिसर्च में क्या बताया गया है?  
चूहों पर किए गए एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटापा फैट सेल्स के जेनेटिक बदलाव करता है. डाइटिंग के जरिए वजन घटाने के बाद भी ये बदलाव बने रहते हैं. रिसर्च हुई तो सामने आया कि फैट सेल्स ने अपनी "मोटापा मेमोरी" रहती है. फैट सेल्स लंबे समय तक जीवित रहती हैं, लगभग 10 साल तक. इसका मतलब है कि मोटापा की मेमोरी काफी समय तक बनी रह सकती है.

आपकी फैट सेल्स आपके "मोटा" होने की स्थिति को याद करती हैं, तो वे आपके शरीर को उसी स्थिति में लौटने का संकेत देती हैं. इससे लंबे समय तक वजन कम बनाए रखना बेहद मुश्किल हो जाता है.

हालांकि, यो-यो प्रभाव को हराना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं है. आप बैलेंस्ड डाइट ऐसी चुनें जिसे आप लंबे समय तक बनाए रख सकें. साथ ही ऐसी एक्टिविटी करें जिससे वजन कंट्रोल में रहे. अपने स्ट्रेस को भी मैनेज करके रखें. ज्यादा परेशानी हो तो किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.